मथुरा: भाजपा और रालोद (RLD-BJP) के बीच चल रही सियासी तनातनी अब खुलकर सामने आ गई है। हाल ही में गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने रालोद को अशुभ पार्टी बताते हुए बयान दिया, जिससे गठबंधन में दरार की अटकलें तेज हो गई हैं। इसके बाद मांट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक (BJP MLA) राजेश चौधरी और रालोद एमएलसी योगेश नौहवार के बीच शिलापट्टिका को लेकर विवाद और बढ़ गया है। भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि सरकारी विकास कार्यों पर रालोद एमएलसी ने अवैध तरीके से शिलापट्टिका लगाई है। इस पर लोक निर्माण विभाग ने अवैध पट्टिकाएं हटाने का निर्देश जारी कर दिया।
इसी बीच रविवार रात सुरीर क्षेत्र में दो शिलापट्टिकाएं अराजकतत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दीं। इससे पहले भी कई बार विधायक राजेश चौधरी के नाम की पट्टिकाएं तोड़ी जा चुकी हैं। दोनों नेताओं के समर्थकों में लगातार पालेबंदी की स्थिति बनी हुई है। मामला तब और तूल पकड़ गया जब छाता विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री ठाकुर तेजपाल सिंह के घर रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी पहुंचे।
इसके बाद तेजपाल सिंह ने बयान दिया कि अगली बार छाता सीट रालोद के खाते में जाएगी और उनके पुत्र को चुनाव में उतारा जाएगा। इस पर मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने रालोद को अशुभ बताते हुए कहा कि जिसके साथ यह दल रहता है, उसका सियासी सफाया हो जाता है। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए मीडिया पर ठीकरा फोड़ा और खुद को चौधरी चरण सिंह का अनुयायी बताया।
भाजपा और रालोद के बीच इस खींचतान से दोनों दलों के अन्य नेता असहज महसूस कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी बढ़ रही है। इस राजनीतिक टकराव का असर आगामी पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। ब्रज क्षेत्र में रालोद की मजबूत पकड़ है, खासकर मथुरा जिले में। वर्ष 2009 में जयंत चौधरी मथुरा से भाजपा के समर्थन से सांसद बने थे। हालांकि 2014 में हेमा मालिनी ने उन्हें हराया, फिर भी रालोद का प्रभाव क्षेत्र में बरकरार रहा। वर्तमान हालात में भाजपा और रालोद का यह सियासी टकराव गठबंधन के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।