लखनऊ: इथेनॉल उत्पादन (ethanol production) और बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि ने न केवल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में औद्योगिक गतिविधियों को गति दी है, बल्कि राज्य को राष्ट्रीय इथेनॉल उत्पादन में भी अग्रणी स्थान दिलाया है। उत्पादन, बिक्री और निवेश प्रस्तावों में रिकॉर्ड वृद्धि इस बात का संकेत है कि राज्य की अर्थव्यवस्था एक नए चरण में प्रवेश कर रही है। सोमवार को यहाँ अधिकारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने नवंबर 2025 तक 141.8 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन किया, जो अब तक का रिकॉर्ड प्रदर्शन है।
अधिकारी ने कहा, योगी आदित्यनाथ सरकार के संरचनात्मक सुधारों, तकनीकी प्रगति और ‘व्यापार सुगमता’ पहलों से शराब, बीयर, वाइन और अल्कोहल आधारित उद्योगों में वृद्धि हुई है। राज्य के भीतर 105.25 करोड़ लीटर और राज्य के बाहर 40.96 करोड़ लीटर इथेनॉल की बिक्री ने उत्तर प्रदेश को इथेनॉल आपूर्ति का एक विश्वसनीय केंद्र बना दिया है।
उत्तर प्रदेश ने खुद को देश के अग्रणी इथेनॉल उत्पादक राज्यों में से एक के रूप में स्थापित किया है। इससे न केवल उद्योगों को प्रोत्साहन मिला है, बल्कि ग्रामीण स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिला है। उत्तर प्रदेश में, बड़े कॉर्पोरेट समूहों से लेकर मध्यम आकार के उद्योगों तक, निवेशक शराब आधारित उद्योग क्षेत्र में अपनी परियोजनाओं का विस्तार कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि ‘इन्वेस्ट यूपी’ के तहत अब तक 125 समझौतों पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिसके तहत 3,07,35 करोड़ रुपये का निवेश प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त, 43 परियोजनाएँ शुरू होने के लिए तैयार हैं, जिनके लिए भूमि आवंटित की जा चुकी है। इस पहल के माध्यम से वर्तमान में 6898.88 करोड़ रुपये के निवेश की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने बताया कि ‘इन्वेस्ट यूपी’ के तहत वर्तमान में 19 परियोजनाएँ चालू हैं, जिनमें 2900 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो चुका है। इन परियोजनाओं से 4800 से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। गैर-एमओयू समझौतों के तहत 28 परियोजनाएँ चालू हैं, जिनमें 2752 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। आबकारी क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों से 9940 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है।


