पुरी: ओडिशा के पुरी (Puri) में आज शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का उत्सव मनाया जा रहा है। पुरी में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) की रथ यात्रा (Rath Yatra) शुरू हो गई है, जिसे ‘पहांडी’ अनुष्ठान कहा जाता है। यह भव्य यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर तक जाती है। जगन्नाथ रथ यात्रा में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। श्री गुंडिचा मंदिर से पुरी जगन्नाथ मंदिर लगभग 2.6 किलोमीटर दूर है। गुंडिचा मंदिर महाप्रभु जगन्नाथ, उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के मौसी का घर माना जाता है। इस रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके है।
भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की मंगल आरती और विधि विधान से पूजा-पाठ करने के बाद 12वीं शताब्दी के मंदिर से निकालकर सिंह द्वार पर खड़े उनके रथों नंदी घोष, दर्पदलन और तालध्वज पर विराजमान किया गया। भोई राजवंश के मुखिया ने आज की रथ यात्रा से पहले उन्होंने सोने की झाड़ू बहारा है। इस यात्रा में शामिल हुए सभी भक्तो ने अपनी-अपनी बारी से सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ खींचना शुरू किया। कुछ देर ले जाकर उनके रथ को रोक दिया इसके बाद देवी सुभद्रा के रथ को खिंचा। फिर सबसे आखिरी में महाप्रभु जगन्नाथ के रथ को खींचा जाएगा।
डीजीपी वाईबी खुरानिया ने बताया कि पुरी में लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती है, जिनमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की आठ कंपनियां भी शामिल हैं। भक्तो की आज भारी संख्या में भीड़ उमड़ी है जिसके लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा, हमने रथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए हर संभव व्यवस्था की है। 275 से अधिक एआई-इनेबल्ड सीसीटीवी कैमरों के जरिए रथ यात्रा की निगरानी की जा रही है।