अंबाला। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। वह देश की पहली महिला राष्ट्रपति बन गई हैं जिन्होंने किसी लड़ाकू विमान में उड़ान भरी है। राष्ट्रपति की यह उड़ान करीब 20 मिनट तक चली, जिसमें उनके साथ विमान की पायलट एक महिला अफसर थीं।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति को एयरफोर्स स्टेशन पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राज्य के गृह मंत्री अनिल विज समेत कई वरिष्ठ रक्षा और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने उड़ान से पहले वायुसेना अधिकारियों से मुलाकात की और राफेल की तकनीकी जानकारी ली। इस अवसर पर उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े वायुवीरों का सम्मान भी किया। अंबाला एयरबेस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि सुरक्षा कारणों से एयरबेस के आसपास ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था तथा केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति थी।
भारत ने फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान 27 जुलाई 2020 को प्राप्त किए थे। पहली खेप में पांच राफेल विमान फ्रांस के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरकर संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा एयरबेस पर रुके और फिर अंबाला एयरबेस पहुंचे थे। इन्हें भारतीय वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन “गोल्डन एरोज़” में शामिल किया गया था।
राष्ट्रपति मुर्मू की यह उड़ान भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हो गई है। इससे पहले वर्ष 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने पुणे के लोहगांव एयरबेस से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी।





