लखनऊ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने राजधानी स्थित श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिषद ने साफ कहा है कि विश्वविद्यालय को भारतीय विधिज्ञ परिषद (Bar Council of India) से मान्यता प्राप्त नहीं है, बावजूद इसके यहां विधि संबंधी पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
अभाविप की ओर से जारी बयान में यह भी बताया गया कि विश्वविद्यालय में संचालित कई पाठ्यक्रमों की मान्यता पहले ही समाप्त हो चुकी है। इनमें प्रमुख रूप से –
5 वर्षीय समेकित Bachelor of Architecture (B.Arch) की मान्यता, वास्तुकला परिषद द्वारा सत्र 2021-22 में समाप्त की गई।
B.Ed की मान्यता, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा सत्र 2016-17 में समाप्त की गई।
B.Pharma एवं D.Pharma की मान्यता, भारतीय भेषज परिषद (Pharmacy Council of India) द्वारा सत्र 2024-25 में समाप्त कर दी गई।
परिषद ने आरोप लगाया कि प्रशासन इन तथ्यों को छुपाकर छात्रों का नामांकन कर रहा है और भारी भरकम फीस वसूल रहा है। यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार और शिक्षा के नाम पर धोखाधड़ी है।
अभाविप के पदाधिकारियों ने कहा कि पहले ही कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन और ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन अब स्थिति असहनीय हो चुकी है। “भ्रष्ट विश्वविद्यालय प्रशासन के पाप का घड़ा भर चुका है, अब इस पर कठोर कार्रवाई आवश्यक है,” परिषद के नेताओं ने कहा।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार और संबंधित विभाग शीघ्र ही कार्रवाई नहीं करते, तो विद्यार्थी परिषद बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी और इसे पूरे प्रदेश में मुद्दा बनाएगी।
स्थानीय छात्रों और अभिभावकों में भी इस खबर से रोष फैल गया है। उनका कहना है कि प्रशासन को ऐसे अवैध और मान्यता-विहीन पाठ्यक्रमों को तुरंत बंद करना चाहिए, ताकि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ न हो सके।