फर्रुखाबाद। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अवसर पर आचार्य श्री राम मूर्ति मिश्रा ने भगवान की विभिन्न लीलाओं का बहुत ही मनोहारी गुणानुवाद किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सभी को भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह हम सभी को इस भवसागर से पार कर दें
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जीनतन वीडियो ताहि बिसाराओ ए सो नमक हरामी।।
आचार्य श्री ने बताया कि जब पूतना भगवान के पास आई और जब विषपान करने के लिए प्रभु को गोद में लिया तब भगवान ने आंखें बंद कर ली और 22 में से 29 में श्लोक में छठे अध्याय के में उन्होंने बाल रक्षा स्त्रोत का गुणगान भी किया। जिस पर भगवान की कृपा होती है उसका स्वभाव उदार मन होता है और जिस पर भगवान की कृपा नहीं होती है वह कृपाण होता है और प्रभु से विमुख होता है उसमें श्रद्धा नहीं होती है।
सूर कहे श्याम सुनो शरण है तिहा रे।
अबकी बार पर करो नंद के दुलारे।।
इस अवसर पर कथा का संचालन अंजुम दुबे एडवोकेट ने किया।पंडित शिवकुमार शास्त्री आचार्य अविनाश पांडे आदेश शुक्ला अरविंद भदौरिया अनिल तिवारी सभासद सत्यपाल सिंह राजेंद्र त्रिपाठी दीक्षा पांडेय गोविंद पांडेय,डॉक्टर के एम द्विवेदी, विवेक पांडेय,दुर्गेश शुक्ला दिनेश चंद्र पाठक रामवीर सिंह चौहान आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।




