बाराबंकी। श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय को लेकर चल रहे विवाद ने अब बड़ा रूप ले लिया है। बीते तीन वर्षों से बिना मान्यता के विधि पाठ्यक्रम (Law Course) संचालित करने और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के आरोपों में फंसी यूनिवर्सिटी पर शासन-प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय ट्रस्ट के न्यास पत्र को उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव डॉ. दिनेश कुमार ने धोखाधड़ी का मामला मानते हुए निरस्त कर दिया है। वहीं तहसीलदार की ओर से 27 लाख 90 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। इतना ही नहीं, 25 अगस्त को पारित आदेश के क्रम में प्रशासन ने अवैध कब्जे वाली भूमि को खाली कराने के लिए बुलडोजर चलवाया।
शनिवार को प्रशासनिक टीम ने विश्वविद्यालय कैंपस में प्रवेश कर कैंटीन, एनिमल हाउस समेत कई पक्के निर्माण ध्वस्त कर दिए। जिला प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा कब्जाई गई सरकारी भूमि को चरणबद्ध तरीके से खाली कराया जा रहा है। इस दौरान पूरे प्रांगण का सर्वे भी कराया जा रहा है, जो आने वाले दिनों तक जारी रह सकता है। सूत्रों के मुताबिक बुलडोजर की यह कार्रवाई कई दिनों तक चल सकती है।
जिलाधिकारी ने कहा कि आदेश का पालन कराया जा रहा है और सरकारी भूमि पर हुए अवैध निर्माण को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। टीम लगातार सर्वे कर रही है और आगे की कार्रवाई भी नियमानुसार होगी
बुलडोजर एक्शन के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। एबीवीपी कार्यकर्ता सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए इसे शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और अवैध कब्जों के खिलाफ कड़ा संदेश बताया।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय से जुड़े अन्य कागजात और जमीन की स्थिति की गहन जांच की जा रही है। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।