लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी शैक्षणिक साख मजबूत की है। क्यूएस एशिया और दक्षिण एशिया रैंकिंग में इस वर्ष कई विश्वविद्यालयों ने उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने इस उपलब्धि पर सभी विश्वविद्यालयों को बधाई दी है और इसे प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए गर्व का विषय बताया है।
लखनऊ विश्वविद्यालय ने इस वर्ष क्यूएस एशिया रैंकिंग में 781वां और दक्षिण एशिया रैंकिंग में 244वां स्थान हासिल किया है। यह विश्वविद्यालय के शोध, शिक्षण और नवाचार के क्षेत्र में किए जा रहे निरंतर प्रयासों का परिणाम माना जा रहा है।
इसी तरह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ; डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा; बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी; महात्मा ज्योतिबा फुले विश्वविद्यालय, रूहेलखंड; छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर; दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर; वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर समेत अन्य विश्वविद्यालयों ने भी अपने पिछले प्रदर्शन की तुलना में बेहतर रैंकिंग हासिल की है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्ता, अनुसंधान क्षमता और विद्यार्थियों के समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से आह्वान किया कि वे इसी प्रकार वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी स्थिति मजबूत करते हुए शिक्षा के नए मानक स्थापित करें।






