– छह साल बाद दोनों भाइयों की मुलाकात
– मराठी एकता के संदेश को मिला नया बल
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक क्षण देखने को मिला, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) छह साल बाद ‘मातोश्री’ पहुंचे और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई दी। राज ठाकरे ने उद्धव को गले लगाकर और फूलों का बुके देकर शुभकामनाएं दीं।
यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इससे पहले राज ठाकरे 2019 में मातोश्री गए थे, जब उन्होंने अपने बेटे अमित की शादी का निमंत्रण ठाकरे परिवार को दिया था। यदि औपचारिक तौर पर बात करें, तो राज आखिरी बार 2012 में मातोश्री पहुंचे थे, जब बालासाहेब ठाकरे गंभीर रूप से बीमार थे।
बताते चलें कि 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली डोम में आयोजित एक संयुक्त रैली में भी दोनों नेता दो दशकों बाद एक साथ मंच पर नजर आए थे। इस रैली का मुख्य संदेश था ‘मराठी एकता’, जिसमें दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि उनका एजेंडा केवल महाराष्ट्र और मराठी अस्मिता है, न कि कोई राजनीतिक स्वार्थ। राज ठाकरे ने अपने भाषण में कहा था कि “झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है”, वहीं उद्धव ठाकरे ने कहा था कि “हमारे बीच की दूरियां मराठी जनता ने मिटाई हैं।”
ज्ञात हो कि राज और उद्धव ठाकरे के बीच राजनीतिक दूरी तब शुरू हुई थी जब बालासाहेब ठाकरे ने उद्धव को शिवसेना की कमान सौंपी, और राज ने इससे असहमत होकर 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन कर लिया। इसके बाद दोनों नेताओं के रिश्ते लगातार तल्ख बने रहे। महालक्ष्मी रेसकोर्स में हुई रैली और अब मातोश्री में राज ठाकरे की उपस्थिति से यह संकेत मिल रहे हैं कि दोनों नेता अपने पुराने मतभेद भुलाकर मराठी मानुष के हित में एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं।
बदलते राजनीतिक समीकरणों और महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में यह मेल-मिलाप एक नई दिशा की ओर इशारा कर सकता है। हालांकि अभी तक किसी औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को एक बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।