शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बारिश (Rain) के कारण लोगो बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों में जानकारी देते हुए बताया है कि, रविवार को तेज बारिश होती रही जिसमें दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 482 सड़कें बाधित हो गईं, 941 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा राज्य भर में 95 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं।
एसडीएमए ने शाम को बताया है कि 20 जून से अब तक कुल मृतकों की संख्या 298 हो गई है, जिसमें 152 मौतें वर्षाजनित घटनाओं जैसे भूस्खलन, अचानक बाढ़ और मकान ढहने के कारण हुई हैं, तथा इसी अवधि के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 146 मौतें हुई हैं। सड़क अवरोध: सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िले मंडी (245 सड़कें अवरुद्ध), कुल्लू (101) और चंबा (82) हैं। भारी बारिश, भूस्खलन और मलबे के बहाव के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग NH-305 और NH-154A कई जगहों पर बंद रहे। बालीचौकी और कंदुगाड़ जैसे प्रभावित इलाकों में वैकल्पिक मार्ग भी बाधित हुई है।
बिजली कटौती के मामले में, मंडी सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िला रहा। मानसून के कहर ने राज्य के बिजली ढाँचे पर भारी असर डाला है, अकेले मंडी ज़िले में 477 ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं, इसके बाद चंबा (409) और ऊना (252) का स्थान है। ज़्यादातर कटौती हाई-टेंशन लाइनों में खराबी और भूस्खलन से खंभों को हुए नुकसान के कारण हुई हैं।
जलापूर्ति में व्यवधान के संदर्भ में, मंडी में 36, चंबा में 36 तथा कांगड़ा, लाहौल एवं स्पीति और कुल्लू जिलों में कई अन्य जल योजनाएं बाधित हुई हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।
एसडीएमए ने निवासियों से अनावश्यक यात्रा से बचने, खासकर संवेदनशील इलाकों में, और मौसम संबंधी चेतावनी के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया है। सड़कों, बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने का काम चल रहा है, लेकिन अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि लगातार बारिश से मरम्मत में देरी हो सकती है।