-“राष्ट्रहित में राजपूत क्षत्रिय एकीकरण अभियान” का आह्वान
मैनपुरी: “यदि क्षत्रिय जिंदा हैं तो उस जीवटता का प्रमाण देना भी आवश्यक है”- यह उद्घोष किया क्षत्रिय समाज के युवा नेतृत्वकर्ता राघवेंद्र सिंह ने, जो मैनपुरी (Mainpuri) में आयोजित एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने घोषणा की कि 22 जून को ‘राजपूत क्षत्रिय एकता’ (Rajput Kshatriya Unity) के प्रतीक केसरिया ध्वज के साथ लखनऊ कूच किया जाएगा।
राघवेंद्र सिंह ने सभा में स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी पार्टी विशेष के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रहित और क्षात्र धर्म के लिए है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में रणनीति और संघर्ष तभी सफल होंगे जब क्षत्रिय समाज आंतरिक स्पर्धा और श्रेष्ठता की होड़ से ऊपर उठेगा।
> “जो क्षात्र धर्म के उसूलों पर आंच आने पर टकराने का साहस रखे, वही सच्चा क्षत्रिय है।”
उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि राजपूत समाज अपने स्वाभिमान और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए एक मंच पर आए, क्योंकि सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में यदि संगठनात्मक एकता नहीं होगी तो कोई भी समुदाय प्रगति नहीं कर सकेगा। मैनपुरी में राघवेंद्र सिंह ने घोषणा की 22 जून को लखनऊ में केसरिया ध्वज यात्रा निकलेगी।
बताया हमर उद्देश्य क्षत्रिय समाज का एकीकरण व राष्ट्रहित में संगठित प्रयास है। संदेश दिया आंतरिक होड़ से बचें, एकता पर ज़ोर दें। सभा के अंत में राघवेंद्र ने सभी उपस्थित जनों से लखनऊ कूच में भाग लेने की अपील की और कहा,
>”यदि हम वाकई में जिंदा हैं, तो लखनऊ में जिंदा पहुंचना और अपना अस्तित्व सिद्ध करना जरूरी है।”
>यह अभियान सोशल मीडिया पर भी तेजी से चर्चा में है और युवाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है।