यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद/कन्नौज। हाई कोर्ट ने माफिया अनुपम दुबे के चपुन्ना स्थित नेशनल हाईवे पर ग्रामसभा की कीमती जमीन पर बने आलीशान रिजार्डस राधा रानी गेस्ट हाउस के ध्वस्तीकरण को रोकने की याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल राहत देते हुए कहा है कि एसओसी कोर्ट का निर्णय आने तक कोई ऐसी कार्यवाही न की जाए,साथ ही एसओसी को शीघ्र सुनवाई के निर्देश दिए हैं,जिसके चलते कुछ दिनों के लिए गेस्ट हाउस पर बुलडोजर चलने पर विराम लग गया है, माफिया के रिश्तेदार याचिकाकर्ता धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी ने यूपी राज्य और 6 अन्य को प्रतिवादी बनाया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील सोमेश खरे ने पैरवी की, जबकि प्रतिवादी की ओर से स्थायी वकील सी.एस.सी. ने अपनी दलीलें पेश कीं।
याचिकाकर्ता ने यूपी की धारा 9ए(2) के तहत चकबंदी अधिकारी द्वारा 22 जुलाई 2024 को पारित आदेश को चुनौती दी है और उक्त आदेश से उनके भूखंड पर किए गए निर्माण के विध्वंस की आशंका जताई है। राज्य के उत्तरदाताओं को उनके खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई न करने का आदेश देने की मांग की गई है। जिसके चलते माफिया के पार्टनर रिश्तेदार धर्मेंद्र त्रिपाठी और उनकी भाजपा नेता बहु नेहा त्रिपाठी को कुछ दिन की राहत मिली है।त्रिपाठी परिवार अनुपम दुबे के अन्य मामलों में भी उन्हे राहत दिलाने के लिए जोराजमाइश में लगा है, जिससे अनुपम के समर्थकों में उम्मीद की किरण जगी है।
वहीं प्रतिवादी मनोज अग्निहोत्री के स्थायी वकील ने यूपीसीएच अधिनियम की धारा 11(1) के तहत अपील का वैकल्पिक उपाय उपलब्ध होने का हवाला देते हुए रिट याचिका की स्थिरता पर प्रारंभिक आपत्ति उठाई। याचिकाकर्ता के वकील ने इस आपत्ति का खंडन नहीं किया और बताया कि चकबंदी के निपटान अधिकारी (एसओसी) के समक्ष पहले ही एक अपील दायर की जा चुकी है। जिसमे बहुत जल्द निर्णय आना बाकी है।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता की तत्काल राहत की मांग पर विचार करने का निर्णय लिया है। मामले की अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की जाएगी। जिसके चलते करीब 15 दिनों तक राधा रानी गेस्ट हाउस पर बुलडोजर गरजने की प्रक्रिया रुक गई है।उधर पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने शासन में माफिया अनुपम दुबे और उसके करीबी रिश्तेदार धर्मेंद्र त्रिपाठी और उनकी बहू नेहा उर्फ अमिता त्रिपाठी का पूरा चि_ा रखा है।