एडीएम कोर्ट से पुख्ता हुआ अपराधी नेटवर्क
फतेहगढ़ कोतवाली के इस हिस्ट्रीशीटर को गुंडा घोषित कर प्रशासन ने किया 2 माह के लिए जिला वदर
अभी छिबरामऊ के विमलेश दुबे सहित कई साथियों पर प्रशासन की नजर
कई मुकदमों में संलिप्तता साबित, जिला प्रशासन ने गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत की कार्रवाई
फर्रुखाबाद में माफिया नेटवर्क के कानूनी चेहरे पर कसा शिकंजा
फर्रुखाबाद। शहर में अपराध और कानूनी गठजोड़ की स्याह परतें एक-एक कर खुल रही हैं। माफिया अनुपम दुबे और उसके सहयोगी वकील अवधेश मिश्रा के नेटवर्क से जुड़ा रच्छू ठाकुर उर्फ अनूप सिंह राठौर, अब कानूनी रूप से “शातिर अपराधी” गुंडा घोषित किया गया है।
अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह द्वारा पारित आदेश संख्या 08/2024 (प्रकरण संख्या 42/2025) में यह स्पष्ट किया गया है कि अनूप सिंह राठौर उर्फ रच्छू ठाकुर पुत्र नरेश प्रताप सिंह मूल निवासी कोतवाली मोहम्मदाबाद के गांव गोसरपुर और हाल निवासी जेएनवी रोड फतेहगढ़ लगातार गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 की धारा 3(3) के तहत अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जिसकी गतिविधियां समाज में भय और आतंक फैलाने वाली हैं। रच्छू ठाकुर व उसके गैंग का अवधेश का पड़ोसी भोलेपुर निवासी सपा नेता अरुण कटियार व कई अवधेश मिश्रा से साठ गाठ कर लोगों के खिलाफ न्यायालय के जरिए फर्जी मुकदमा लिखवाकर उनसे मोटी धन् उगाही के आदी हैं। उनके गैंग में एक सपा का जिला पंचायत सदस्य एक ट्रक ड्राइवर और कई विषकन्याएं भी शामिल है।
कोर्ट में प्रस्तुत रिपोर्ट और अपराध रिकॉर्ड
फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट और पुलिस अधीक्षक के अनुमोदन के बाद हुई जांच में यह सामने आया कि आरोपी अनूप सिंह राठौर पर गंभीर धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं मुकदमा संख्या 937/2019, धारा 504, 506 आईपीसी, थाना कोतवाली। मुकदमा संख्या 191/2022, धारा 420, 406 आईपीसी, थाना कोतवाली। मुकदमा संख्या 276/2024, धारा 191(2)/324/341/351 आदि आईपीसी, थाना कोतवाली।
इन मामलों की सुनवाई और जांच के दौरान यह प्रमाणित हुआ कि अनूप सिंह राठौर अपराध जगत में सक्रिय है और अपने गैंग के साथ मिलकर लोगों में दहशत और आतंक फैलाने का कार्य करता रहा है।
एडीएम अरुण कुमार सिंह ने आदेश में उल्लेख किया है कि “आरोपी अनूप सिंह राठौर रच्छू की गतिविधियां जनशांति एवं जनसुरक्षा के प्रतिकूल हैं।
आदेश में कहा गया कि आरोपी राठौर की गतिविधियों से आम नागरिक भयभीत हैं, और उसके क्षेत्र में निवास करने वाले लोग उसके खिलाफ साक्ष्य देने से डरते हैं। इसी कारण जिला प्रशासन ने उसके खिलाफ गुंडा नियंत्रण अधिनियम की धारा 3(3) के अंतर्गत कार्रवाई को उचित माना।
अपराधियों की कड़ी में जुड़ा ‘कानूनी गिरोह’
सूत्रों के अनुसार, रच्छू ठाकुर लंबे समय से वकील अवधेश मिश्रा और माफिया अनुपम दुबे और उसके भाइयों के संपर्क में था। इन सब के तार शहर में अवैध वसूली, संपत्ति विवादों में दबंगई, और कानूनी मामलों में झूठी पैरवी जैसे मामलों से जुड़े रहे हैं। पुलिस को संदेह है कि इनका नेटवर्क न केवल फर्रुखाबाद बल्कि प्रयागराज और कानपुर तक फैला है।
11 अक्टूबर 2025 की रात को हुई पुलिस कार्रवाई में जब वकील अवधेश मिश्रा फर्रुखाबाद से भागा और प्रयागराज में पकड़ा गया, तभी जांच एजेंसियों को इस नेटवर्क की गहराई का अंदाज़ा हुआ।
उसी जांच में यह सामने आया कि अनूप सिंह राठौर उर्फ रच्छू ठाकुर इस पूरे गिरोह का “मैदानी संयोजक” है — जो मुकदमे, पैरवी और धमकी तीनों मोर्चों पर सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
अपर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश के अनुसार, आरोपी अनूप सिंह राठौर पर आगामी छह माह तक सख्त निगरानी रखी जाएगी। यदि उसकी गतिविधियों में सुधार नहीं पाया गया, तो जिला प्रशासन द्वारा बाहरी प्रतिबंध या गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है। फर्रुखाबाद में यह पहला बड़ा मामला है जिसमें कानूनी वर्दी के भीतर छिपे अपराधियों पर सीधा प्रशासनिक शिकंजा कसा गया है। एडीएम कोर्ट का यह आदेश माफिया-अधिवक्ता गठजोड़ पर एक बड़ी चोट मानी जा रही है।






