शरद कटियार
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवाओं पर प्रयागराज में लाठीचार्ज किया गया, जबकि दूसरी ओर कांवड़ यात्रा में हुड़दंग करने वाले कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाती है। ऐसे में राज्य सरकार के सुशासन मॉडल पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बेरोजगारों पर लाठीचार्ज: किसकी गलती?
बीते दिनों प्रयागराज में रोजगार की मांग को लेकर जुटे युवाओं का प्रदर्शन पुलिस की लाठियों के बीच दबा दिया गया। इन युवाओं की मांग थी कि सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता लाई जाए और लंबित भर्तियों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। लेकिन प्रशासन ने उनकी आवाज को सुनने के बजाय बल प्रयोग का सहारा लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस ने अचानक प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया, जिसमें कई युवा घायल हो गए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बेरोजगार युवाओं की पीड़ा स्पष्ट दिखाई दे रही है।
हुड़दंगी कांवड़ियों पर विशेष सुविधा: दोहरा मापदंड?
दूसरी ओर, राज्य सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। यह पहली बार नहीं है जब कांवड़ियों को इस तरह का विशेष सम्मान दिया गया हो। हालांकि, यह सम्मान उन श्रद्धालुओं के लिए है जो शांतिपूर्वक अपनी धार्मिक यात्रा करते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में कांवड़ यात्रा में हुड़दंग और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं बढ़ी हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह धार्मिक वोट बैंक को साधने की कवायद का हिस्सा हो सकता है। लेकिन सवाल यह है कि सरकार ऐसे हुड़दंगियों को बढ़ावा देकर समाज को क्या संदेश दे रही है?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने सुशासन मॉडल के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल की घटनाओं ने उनके इस दावे पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। क्या सुशासन का मतलब यह है कि एक वर्ग को प्रोत्साहित किया जाए और
दूसरे वर्ग की आवाज को दबा दिया जाए?
इन घटनाओं ने आम जनता में नाराजगी पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार की आलोचना कर रहे हैं। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “बेरोजगार युवा इस देश का भविष्य हैं, और उनके साथ इस तरह का व्यवहार करना शर्मनाक है।” वहीं, एक अन्य ने कहा, “सरकार को धर्म और राजनीति से ऊपर उठकर सभी वर्गों के लिए समान नीति अपनानी चाहिए।”
क्या सरकार लेगी संज्ञान?
यह जरूरी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मुद्दे पर ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि राज्य में हर नागरिक के साथ समान व्यवहार हो। रोजगार जैसी गंभीर समस्या पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, ताकि युवाओं को उनका अधिकार मिल सके।
यदि सरकार ने इन सवालों को अनसुना किया, तो यह उसके सुशासन मॉडल की साख पर गहरा असर डाल सकता है।