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Monday, May 5, 2025

ताजमहल की सुरक्षा पर सवाल: बिना अनुमति चल रहा प्रमोशनल फोटोशूट, वायरल वीडियो ने खोली पोल

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आगरा। देश की शान और विश्व धरोहर ताजमहल एक बार फिर सुरक्षा चूक को लेकर सुर्खियों में है। सीआईएसएफ की सख्ती और एएसआई के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बावजूद हाल ही में ताजमहल के मुख्य गुंबद के अंदर से एक प्रमोशनल वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें बिना अनुमति के फोटोशूट और वीडियोग्राफी होती दिख रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही अधिकारियों की नींद उड़ गई है और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।

बताया जा रहा है कि यह वीडियो ताजमहल के प्रतिबंधित क्षेत्र में रिकॉर्ड किया गया है, जहां किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी की सख्त मनाही है। वायरल वीडियो में कुछ युवक-युवतियां कैमरे के सामने पोज़ देते नजर आ रहे हैं और ताज के अंदर का हर कोना कैद किया गया है। इस पूरे घटनाक्रम ने एएसआई और सीआईएसएफ की संयुक्त सुरक्षा प्रणाली की पोल खोल दी है।

सूत्रों के मुताबिक, ताजमहल परिसर में हर दिन औसतन 25,000 पर्यटक आते हैं, जबकि छुट्टियों या विशेष अवसरों पर यह संख्या 50,000 के पार पहुंच जाती है। परिसर में लगभग 250 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और करीब 300 सीआईएसएफ जवानों की तैनाती है। इसके बावजूद प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना अनुमति प्रवेश और वीडियो शूटिंग होना सुरक्षा में गंभीर चूक मानी जा रही है।

गौरतलब है कि एएसआई के नियमों के अनुसार ताजमहल के मुख्य मकबरे में प्रोफेशनल कैमरा, ड्रोन, ट्राइपॉड या किसी भी प्रकार की प्रमोशनल शूटिंग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये टीम इतनी आसानी से अंदर तक कैसे पहुंच गई?

स्थानीय गाइड यूनियन और नागरिक संगठनों ने इस मामले में कड़ी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि “अगर स्मारकों की सुरक्षा यूं ही नजरअंदाज होती रही तो यह देश की प्रतिष्ठा के लिए खतरनाक होगा। ताजमहल भारत की पहचान है, और उसकी सुरक्षा में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।”

अब तक न एएसआई और न ही सीआईएसएफ की ओर से इस वीडियो को लेकर कोई आधिकारिक बयान आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार वीडियो की जांच की जा रही है और दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी हो रही है।

वायरल वीडियो में दिखा ताजमहल का मुख्य गुंबद और प्रतिबंधित क्षेत्र।
बिना अनुमति प्रमोशनल शूट, नियमों की खुलेआम अवहेलना।
औसतन 25-30 हजार पर्यटक प्रतिदिन, फिर भी सुरक्षा में चूक।
स्थानीय संगठनों ने उच्चस्तरीय जांच और जवाबदेही की मांग की।

यह मामला एक बार फिर ताजमहल की सुरक्षा और एएसआई की निगरानी प्रणाली की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह भारत की छवि पर सीधा प्रभाव डाल सकता है।

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