काठमांडू: नेपाल की राजधानी Kathmandu में भ्रष्टाचार (corruption) के खिलाफ युवाओं का आंदोलन रविवार को हिंसक रूप ले बैठा। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर सरकार विरोधी नारे लगाए। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने पहले लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन हालात बिगड़ने पर सुरक्षा बलों ने रबर की गोलियां चलाईं। इस दौरान गोली लगने से 20 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि कई दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
बॉर्डर पर चौकसी, सेना तैनात
हालात काबू से बाहर होते देख नेपाल सरकार ने सेना की तैनाती कर दी है। काठमांडू में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं भारत-नेपाल बॉर्डर पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है ताकि उपद्रव फैलने की स्थिति में कोई असामाजिक तत्व सीमाओं का फायदा न उठा सके।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नेपाल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई है। सरकार ने साफ किया है कि हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन प्रदर्शनकारियों की मौत ने पूरे देश में आक्रोश को और भड़का दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार द्वारा सोशल मीडिया बैन किए जाने का भी विरोध किया। युवाओं का कहना है कि सरकार लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। इस बीच, बढ़ते उपद्रव को देखते हुए पोखरा समेत कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। प्रदर्शन के दौरान काठमांडू में एक पत्रकार भी गोली लगने से घायल हो गया। पत्रकार संगठनों ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की है।
अन्य शहरों में भी प्रदर्शन जारी
काठमांडू के अलावा नेपाल के दूसरे शहरों में भी विरोध प्रदर्शन जारी है। युवाओं का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। भीड़ लगातार बढ़ रही है और प्रशासन के लिए हालात काबू करना मुश्किल होता जा रहा है।