फर्रुखाबाद। पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) जवानों की फर्जी तैनाती का बड़ा मामला सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि दर्जनों पीआरडी जवान बिना किसी आधिकारिक अनुमति के डॉक्टरों और निजी व्यक्तियों के यहां प्राइवेट ड्यूटी कर रहे हैं। इन जवानों ने फर्जी वर्दी पहन रखी है, जिससे आम जनता को भ्रम हो रहा है कि ये सरकारी कार्य में लगे हैं, जबकि सच्चाई कुछ और है।
सूत्रों से हुई पड़ताल में डॉ. जितेंद्र यादव के पास नौ जवान,डॉ. नागेंद्र सिंह के पास दो जवान, डॉ. शैलेंद्र सिंह के पास दो जवान,डॉ. पुष्पेंद्र सिंह के पास चार जवान, विजय यादव निजी व्यक्ति के पास चार जवान,अजय पाल (निजी व्यक्ति) के पास छह जवान श्याम पाल (निजी व्यक्ति) के पास दो जवान तैनात है।
इन सभी पीआरडी जवानों के पास कोई आधिकारिक आदेश या तैनाती पत्र नहीं है, और ये बिना जिला प्रशासन की जानकारी के निजी कार्यों में लगे हैं।
यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि आखिर इतनी संख्या में फर्जी तैनाती किसकी अनुमति से हो रही है? क्या इसमें स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत है? क्या वर्दीधारी जवान खुद इस खेल का हिस्सा हैं? वर्दीधारी जवानों को देख आम जनता उन्हें सरकारी ड्यूटी में लगा समझ बैठती है, जिससे कई बार भ्रम की स्थिति बन जाती है। ऐसे में फर्जी जवानों की उपस्थिति समाज और सुरक्षा व्यवस्था दोनों के लिए खतरे की घंटी है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह केवल एक हिस्से की जानकारी है, पूरे जनपद में कई अन्य स्थानों पर भी इसी प्रकार से फर्जी पीआरडी जवानों की तैनाती हो सकती है। अब मामला जिला प्रशासन तक पहुँच चुका है और जांच की मांग उठ रही है। जल्द ही इस पर उच्चस्तरीय कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
जिले में पीआरडी जवानों की फर्जी तैनाती का मामला प्रशासनिक तंत्र और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह प्रवृत्ति और अधिक फैल सकती है। ज़रूरत है पारदर्शी जांच और सख्त कार्यवाही की, ताकि सरकारी वर्दी की गरिमा बनी रहे।