प्रयागराज। लगातार बारिश और पहाड़ों से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा और यमुना नदियों के उफान से जूझ रहे प्रयागराजवासियों को राहत की खबर मिली है। पिछले चार दिनों से दोनों नदियों का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। बाढ़ का तात्कालिक खतरा टल गया है, हालांकि शहर के कई मोहल्ले अब भी पानी में डूबे हुए हैं
जल संसाधन विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में गंगा नदी का जलस्तर फाफामऊ में 34 सेंटीमीटर और छतनाग में 39 सेंटीमीटर घटा है। वहीं यमुना नदी का नैनी में जलस्तर 42 सेंटीमीटर कम हुआ है। दोनों नदियां फिलहाल खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।
खतरा टला लेकिन मुश्किलें बरकरार
जलस्तर कम होने से बाढ़ का तत्काल संकट टल गया है, लेकिन बाढ़ग्रस्त मोहल्लों में हालात अब भी सामान्य नहीं हुए हैं। कई इलाकों में पानी भरा हुआ है और लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी है।
जिला प्रशासन का कहना है कि हालांकि फिलहाल खतरा नहीं है, लेकिन नदियों के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में मेडिकल कैंप, राहत शिविर और नावों की व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा दिक्कत
शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी गंगा-यमुना के किनारे बसे गांवों के खेत पानी में डूब गए हैं। इससे किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है और प्रभावित परिवारों को राहत राशि देने की तैयारी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जलस्तर कम होने से राहत तो मिली है, लेकिन घरों में घुसे पानी और खराब हो चुके सामान ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उनका कहना है कि जब तक जलभराव पूरी तरह खत्म नहीं होगा, तब तक उनका सामान्य जीवन बहाल नहीं हो पाएगा।