- “जनता के न्याय की उम्मीदों पर भारी पड़ रहा सत्ता का दबाव”
अजय कुमार
प्रतापगढ़। जनपद के पुलिस कप्तान डॉ. अनिल कुमार की छवि एक तेजतर्रार और अपराध विरोधी अफसर के रूप में जानी जाती है। मगर जब बात सत्ता पक्ष और उनके करीबियों की आती है, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो उनके हाथ भी बंधे हुए हों। ऐसा ही एक ताजा मामला प्रतापगढ़ के कोतवाली सिटी क्षेत्र से सामने आया है, जिसमें स्थानीय बीजेपी विधायक के करीबी ओमप्रकाश मौर्य पर गंभीर आरोप लगने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
पीड़ित पवन कुमार सोनी का कहना है कि प्रयागराज-अयोध्या मार्ग स्थित मकान नं. 125 पड़ाव वार्ड, अजीतनगर की आंशिक संपत्ति, उनकी पत्नी के नाम हुए एग्रीमेंट के बावजूद, षड्यंत्रपूर्वक बगैर उनकी सहमति के ओमप्रकाश मौर्य (विधायक पुत्र) और उनके साथियों द्वारा भू-माफिया तरीके से बैनामा करा लिया गया। आरोप है कि जानबूझकर बैनामे में संपत्ति संख्या का उल्लेख नहीं किया गया और झूठी चौहद्दी दर्शाकर 50 लाख रुपये से अधिक की स्टाम्प चोरी की गईं।
पवन सोनी ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत 30 जनवरी 2025 को पुलिस कप्तान डॉ. अनिल कुमार से की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, 25 मई 2025 को उपनिबंधक कार्यालय द्वारा स्टाम्प चोरी की जाँच के आदेश दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक मशीनरी और पुलिस निष्क्रिय दिखाई दे रही है।
पीड़ित पवन सोनी ने यह भी आरोप लगाया कि विधायक पुत्र पिन्टू मौर्य ने खुलेआम कहा कि इस संपत्ति में सारा पैसा विधायक राजेन्द्र मौर्य और उनका लगा हुआ है, और इस पर कोई भी शिकायत करेगा तो उसका अंजाम भुगतना होगा। यही नहीं, विधायक द्वारा उनके एग्रीमेंट को लेकर भी धमकी दी गई।
बैनामे की प्रतियों में मकान संख्या 125 का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया और पश्चिम दिशा में अयोध्या-प्रयागराज मुख्य मार्ग के बजाय केशव मौर्य का मकान दर्शाया गया। इससे स्पष्ट होता है कि जालसाजी और तथ्य छिपाकर दस्तावेज तैयार किए गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पिछले तीन वर्षों में उक्त भूखंड पर हुए सभी बैनामों की जांच कराई जाए, तो राजस्व विभाग को लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान सामने आ सकता है।
❓ अब सवाल ये उठता है…
पुलिस कप्तान डॉ. अनिल कुमार क्या सत्ता के दबाव में न्यायिक कार्रवाई से बच रहे हैं?
जिलाधिकारी और निबंधन विभाग इस करोड़ों की स्टाम्प चोरी को संज्ञान में लेकर क्या जल्द सख्त कार्रवाई करेंगे?
क्या पीड़ित पवन सोनी को न्याय मिलेगा, या यह मामला भी राजनीतिक दबाव में रफा-दफा हो जाएगा?
जनता को जवाब चाहिए।
कानून सबके लिए बराबर है – यह भरोसा तभी कायम रहेगा जब सत्ता पक्ष के दबाव के बावजूद दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की जाए।
🛑 “कानून का शासन या सत्ता का संरक्षण?” – अब यह प्रतापगढ़ के प्रशासन को तय करना है।