– बिहार में SIR पर सियासी संग्राम तेज
– नियम नहीं जानते, सिर्फ आरोप लगाते हैं
– वोटर ID विवाद पर गरमाई बिहार की राजनीति
पटना: बिहार की राजनीति में यसआईआर (Special Investigation Report) को लेकर घमासान मचा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav लगातार चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है और राज्य में “वोटों की डकैती” हो रही है। तेजस्वी ने यसआईआर के बहाने बीजेपी और चुनाव आयोग दोनों पर हमला तेज कर दिया है। उनका दावा है कि कई जगह दोहरे वोटर ID कार्ड बने हुए हैं, जिससे वोटिंग प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
इसी मुद्दे पर अब बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव को करारा जवाब दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जमीन के बदले नौकरी दी, वे अब नैतिकता की बातें कर रहे हैं। चुनाव आयोग द्वारा डबल वोटर ID पर नोटिस भेजे जाने पर उन्होंने कहा कि आयोग को जवाब दे दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि खुद उनके नाम का ईपिक (EPIC – Voter ID) भी हट गया है, फिर भी विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है।
विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते हुए अपनी मैट्रिक की मार्कशीट भी सार्वजनिक की। उन्होंने चुनौती दी कि तेजस्वी भी अपनी डिग्री सामने लाएं। साथ ही लालू यादव के परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि 2015 में बड़े भाई को छोटा भाई बना दिया गया था, बिहार अब दोबारा जंगलराज में नहीं फंसेगा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी जिस भाषा में चाहेंगे, उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा।
डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की चर्चा चल रही है, ऐसे में अब कोई भी देश के किसी भी कोने में वोट डाल सकता है। लेकिन विपक्षी दल सिर्फ आरोप लगाना जानते हैं, उन्हें नियमों की जानकारी नहीं है। तेजस्वी यादव ने इससे पहले आरोप लगाया था कि मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी और उनके देवर के पास दो-दो वोटर कार्ड हैं।
उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब ये खुलासे हो रहे हैं तो बीजेपी चुप है और आयोग भी कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं कर रहा। तेजस्वी का कहना है कि SIR में जो खामियां हैं, वो उन्हें उजागर करते रहेंगे। गौरतलब है कि बिहार में सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। हालांकि, तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन यसआईआर और डबल वोटर आईडी जैसे मुद्दों ने राजनीतिक माहौल को पहले से ही गर्मा दिया है।