विधायक राहुल सोनकर की चुप्पी पर उठे सवाल, दबंगों पर अब तक नाम मात्र की कार्रवाई
बिल्हौर (कानपुर) | संवाददाता, दैनिक यूथ इंडिया: बिल्हौर विधानसभा (Bilhaur Assembly) क्षेत्र के खासपुर गांव (Khaspur village) में पूर्व ग्राम प्रधान अशोक कटियार पर हुए कातिलाना हमले ने जहां कानून-व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है, वहीं इस मुद्दे ने सियासी रंग भी ले लिया है। क्षेत्रीय विधायक राहुल सोनकर बच्चा की चुप्पी और निष्क्रियता को लेकर स्थानीय कुर्मी समाज में भारी रोष देखा जा रहा है। आरोप है कि हमले में शामिल मुख्य आरोपी ननकू का सत्ता संरक्षण के चलते अब तक सख्त कार्रवाई नहीं हो पाई है।
हमले का मुख्य आरोपी ननकू, जो कुख्यात दबंग और सजातीय बताया जा रहा है, पहले बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक कमलेश दिवाकर का करीबी रह चुका है। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद उसने भाजपा नेताओं से नजदीकियां बढ़ा लीं, जिसका असर जांच और कार्रवाई पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।
पूर्व प्रधान अशोक कटियार पर हमले को लेकर कटियार समाज और कुर्मी वर्ग में गहरी नाराज़गी है। सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनावों में कटियार समाज ने भाजपा विधायक को पूर्ण समर्थन दिया था, लेकिन इस घटना के बाद समुदाय में विश्वास की दरार साफ देखी जा रही है।
क्षेत्रीय युवाओं का भी कहना है कि विधायक का पक्षपातपूर्ण रवैया और दबंगों के सामने मौन रहना निंदनीय है। सोशल मीडिया से लेकर गांव के चौराहों तक इस मुद्दे पर चर्चाएं गर्म हैं। घटना के बाद कई दिन तक पुलिस ने मामूली दिलचस्पी दिखाई। अब जाकर उच्चाधिकारियों के संज्ञान लेने के बाद पुलिस ने हरकत में आना शुरू किया है।
दबंगों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, लेकिन कार्रवाई की रफ्तार पर स्थानीय लोगों में असंतोष है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि विधायक राहुल सोनकर ने इस मामले में निष्पक्ष और मजबूत भूमिका नहीं निभाई, तो आने वाले चुनावों में इसका सीधा असर भाजपा के वोटबैंक पर पड़ सकता है। खासकर कटियार और कुर्मी समाज की नाराजगी भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।