पांच थाने बिना लिखित प्रभारी, हटाए गए थाना अध्यक्षों के नामित प्रभारियों पर ही चल रही डोर
फर्रुखाबाद। जिले की कानून व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्था की गिरफ्त में है। जनपद के पांच थाने अब भी स्थायी थाना अध्यक्ष से वंचित हैं, और सबसे बड़ी विडंबना यह है कि लिखित तैनाती न होने के कारण थाने उन्हीं अधिकारियों के भरोसे चल रहे हैं, जिन्हें हटाए गए थाना अध्यक्षों ने अस्थायी रूप से चार्ज सौंप दिया था। इस लापरवाही का असर अब सीधे अपराध नियंत्रण पर दिख रहा है। जिले में लगातार चोरी जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन थानों में स्थायी नेतृत्व के अभाव में पुलिस बेबस नजर आ रही है।बीते दिनों थाना कम्पिल, मऊदरवाजा, जहानगंज और मेरापुर के थाना अध्यक्षों का गैर जनपद तबादला कर उन्हें जिले से रिलीव कर दिया गया। इसके बाद थानों का प्रभार केवल अस्थायी रूप से छोड़े गए अधिकारियों पर डाल दिया गया, लेकिन इन थानो मे लिखित नियुक्ति आज तक नहीं की गई है।
इसी कड़ी में थाना कादरी गेट से इंस्पेक्टर अमोद कुमार सिंह को बेड एंट्री के बाद हटा दिया गया। थाने का चार्ज अस्थायी रूप से क्राइम इंस्पेक्टर को दे दिया गया, लेकिन उनका भी गैर जनपद तबादला हो गया। इसके बाद थाना पूरी तरह से बगैर मुखिया के रह गया और यहां भी केवल अस्थायी व्यवस्था के सहारे काम चल रहा है।थाना राजेपुर में भी यही हाल रहा। यहां एसपी पीआरओ शंकारानंद की नियुक्ति की गई थी, लेकिन चार्ज लेने से पहले ही उनका गैर जनपद तबादला हो गया। खैर यहां नए प्रभारी की पोस्टिंग हो चुकी है, स्थिति यह है कि जिले के पांच थाने न तो लिखित रूप से प्रभारी पा सके हैं और न ही स्थायी नेतृत्व। केवल हटाए गए थाना अध्यक्षों द्वारा सौंपे गए अस्थायी चार्ज के भरोसे पुलिसिंग का खेल चल रहा है।इसका नतीजा यह है कि लगातार चोरी, नकबजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं। जनता का कहना है कि जब थानों में स्थायी प्रभारी ही नहीं होंगे तो अपराधियों पर लगाम कैसे लगेगी। लोग खुलेआम सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिस व्यवस्था छुट्टी पर है और आम जनता को अपराधियों के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है।