फर्रुखाबाद। पुलिस अधीक्षक आरती सिंह के कड़े निर्देशों की खुलेआम अनदेखी हो रही है। हाल ही में उन्होंने जिले के 19 दागी पुलिसकर्मियों को गहन जांच के बाद लाइन हाजिर करने का आदेश जारी किया था। साथ ही स्पष्ट निर्देश दिया था कि इन सभी को तत्काल थानों से हटाकर पुलिस लाइन भेजा जाए। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि जिले के तमाम थानेदारों ने पुलिस अधीक्षक के आदेशों को गंभीरता से लेना जरूरी नहीं समझा।
इन पुलिसकर्मियों को न केवल हटाया नहीं गया, बल्कि थानों में ही पुराने ठाठ से काम कराया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ कारखास तो अब भी अपने थानेदारों के बेहद करीबी बने हुए हैं और पुराने ढंग से कामकाज संभाल रहे हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि पूर्व पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी द्वारा तबादला किए गए 16 आरक्षी आज भी अपनी पुरानी पोस्टिंग पर जमे हुए हैं। इनमें सूचना के आधार पर मोहिनीस सिंह, अर्जुन सिंह, सूरज कुमार, अरविंद दुबे, धीरज कुमार, रजत तिवारी, सुदेश यादव, मोहम्मद वसीम, विपिन कुमार, गोविंद सिंह, अमन गौतम, सरिता कुमारी, श्वेता सिंह, अनीता देवी, देवकी कुमारी और राखी शर्मा जैसे नाम प्रमुख हैं।
प्रशासनिक सख्ती की दरकारपुलिस कप्तान के आदेशों की इस तरह की अवहेलना से विभागीय अनुशासन पर सवाल उठ रहे हैं। यह मामला न सिर्फ सिस्टम की कमजोरी को उजागर करता है, बल्कि साफ दिखाता है कि जिले में कुछ थानेदार अब भी ‘अपनी मर्जी के कप्तान’ बने हुए हैं।
अब देखना होगा कि एसपी आरती सिंह इस खुली अवहेलना पर क्या कड़ा कदम उठाती हैं, या फिर यह मामला भी बाकी आदेशों की तरह फाइलों में दबा रह जाएगा?