– दीपावली पर जाम से नाराज़ मेजर द्विवेदी की फटकार के बाद से नाराज बताये जा रहे कोतवाल
फर्रूखाबाद। शहर के त्रिपोलिया चौक पर रविवार को हुए विवादित घटनाक्रम ने पुलिस प्रशासन और सत्ता पक्ष के बीच खिंचाव को और स्पष्ट कर दिया है। कोतवाली क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक कोतवाल राजीव पांडे द्वारा खुद मौजूद रहकर कथित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं से पुतला दहन कराए जाने का मामला चर्चा में है।पुतला फूकने वाले युवक भी सब स्थानीय नहीं थे। वीडियो और फोटो वायरल होने के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पुलिस बल की मौजूदगी में यह सब कैसे हो गया।
सूत्रों के अनुसार, पुतला दहन के दौरान कोतवाल न केवल मौजूद रहे, बल्कि उन्होंने कार्यकर्ताओं का “मनोबल बढ़ाने जैसा व्यवहार” भी किया। इससे पुलिस की निष्पक्षता और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। खास बात यह कि यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब दीपावली पर शहर में भीषण जाम की स्थिति को लेकर सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने पुलिस को जमकर फटकार लगाई थी।
विधायक ने सड़कों पर सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में पुलिस की लचर व्यवस्थाओं को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि जनता त्योहार मना रही है और पुलिस अपनी जिम्मेदारियों से बेखबर है। सूत्रों का दावा है कि सदर विधायक ने इस दौरान राजीव पांडे पर भी टिप्पणी करते हुए “आधे हाथों” लेने जैसा कठोर रुख दिखाया था।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि इस फटकार के बाद से ही कोतवाल अंदरखाने विधायक से खफा बताए जा रहे हैं। इसी नाराज़गी के बाद रविवार को त्रिपोलिया चौक पर पुतला दहन के दौरान उनकी भूमिका को कई लोग ‘संदिग्ध’ और ‘राजनीतिक झुकाव’ के रूप में देख रहे हैं।
सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार उत्तर प्रदेश में है, मेजर सुनील दत्त द्विवेदी को प्रदेश में प्रभावशाली और कार्यकुशल विधायकों में गिना जाता है, साथ ही वे एक महत्वपूर्ण समिति के सभापति भी हैं। ऐसे में उनके खिलाफ सार्वजनिक रूप से पुतला दहन होना—और वो भी पुलिस की मौजूदगी में—कानून-व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल खड़ा करता है।





