पुलिस के रडार से बच रहे शातिर अब बेनकाब, यूपी पुलिस की बड़ी कार्रवाई जल्द* 

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हसनैन के बाद अब छोटे माफिया सक्रिय, समाज सेवा की आड़ में जुए-सट्टे का साम्राज्य फैला रहे पवन राजपूत और रोहित राठौर

फर्रुखाबाद

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश पर पूरे प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। गैंगस्टर एक्ट, संपत्ति जब्ती और गिरफ्तारी जैसे कदमों ने बड़े माफियाओं की कमर तोड़ दी है। जिले का सबसे बड़ा सट्टा माफिया हसनैन भी इसी अभियान में नपे जाने के बाद जेल भेजा गया था। लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब जिले में सट्टे-जुए का धंधा पूरी तरह खत्म हो जाएगा। लेकिन बड़ा माफिया गिरने के बाद उसके सहयोगी और छोटे साथी फिर से सिर उठाने लगे हैं और अब जिले का सट्टा कारोबार नए रूप में पनपने लगा है।

*समाज सेवा का चोला, पीछे काला कारोबार*

पुलिस जांच में सामने आया है कि हसनैन का धंधा देखने वाले नरकसा निवासी तोताराम राजपूत और उसका बेटा पवन राजपूत इस समय पर्दे के पीछे से बड़े पैमाने पर ऑनलाइन सट्टे और मोबाइल गेम्स के जरिए काली कमाई कर रहे हैं।

वहीं, रोहित राठौर नाम का युवक “एक्क्यावनी” नाम से जिले और आसपास के इलाकों में जुए के अड्डे लगवा रहा है।

दोनों ही युवक समाज सेवा की आड़ लेकर संगठनों में पदाधिकारी बने हुए हैं। दिन में समाजसेवक की छवि दिखाते हैं और रात ढलते ही अवैध कारोबार से लाखों की कमाई कर रहे हैं। यही नहीं, संगठन की ढाल बनाकर इन शातिरों ने पुलिस और समाज दोनों की आंखों में धूल झोंकी हुई है।

पड़ोसी जिलों तक फैला नेटवर्क

पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार पवन राजपूत कई मोबाइल नंबरों से काम कर रहा है। उसका नेटवर्क सिर्फ फर्रुखाबाद तक सीमित नहीं है बल्कि कन्नौज और हरदोई तक फैला हुआ है। यहां तक कि नाबालिग और नवयुवकों को भी अपने जाल में फंसा कर उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।

*सचिन शर्मा का नाम भी आया सामने*

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि अमेठी निवासी सचिन शर्मा, जो एक संगठन का जिला अध्यक्ष है, इन युवकों का संरक्षक बना हुआ है। माना जा रहा है कि इसी के सहयोग से पवन राजपूत और रोहित राठौर संगठन में घुसकर पदाधिकारी बने। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि सचिन शर्मा को इनके काले कारनामों की पूरी जानकारी नहीं थी।

*पुराने मामले, दोबारा सक्रियता*

कादरी गेट थाना पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रोहित राठौर पर पहले भी मुकदमे दर्ज हैं।

पांचाल घाट क्षेत्र में जुए का अड्डा चलाने पर तत्कालीन चौकी प्रभारी अमित शर्मा ने उस पर कार्रवाई की थी।

इसके अलावा रोहित पर दलित उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज है।

इतिहास बताता है कि रोहित और उसके साथी पहले भी कानून की पकड़ में आ चुके हैं, लेकिन अब फिर से नए ढंग से कारोबार शुरू कर दिया है।

*पुलिस की बड़ी कार्रवाई जल्द*

पुलिस सूत्रों का कहना है कि दोनों युवकों के कई मोबाइल फोन और उनके नेटवर्क की जानकारी जुटा ली गई है। डिटेल खंगालने के बाद इन पर सख्त कार्रवाई तय है। बहुत जल्द इनका अवैध कारोबार पूरी तरह उजागर कर धरपकड़ अभियान चलाया जाएगा।

साफ है कि योगी सरकार के अभियान से बड़े माफिया भले ही ढेर हो चुके हों, लेकिन अब छोटे माफिया पुलिस के रडार पर हैं। आने वाले दिनों में जिले में सट्टा-जुए के इस काले कारोबार पर बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।

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