प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को प्रयागराज में 5500 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं के जरिए आगामी महाकुंभ मेले के लिए बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने इन परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद एक सार्वजनिक सभा में कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला एक महायज्ञ है। उन्होंने इसे एकता का महायज्ञ करार दिया, जिसमें जाति और संप्रदाय का भेद मिट जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “महाकुंभ एक नया नगर बसाने के महा अभियान के माध्यम से प्रयागराज की इस धरती पर नया इतिहास रचेगा। यह आयोजन देशभर के विभिन्न पवित्र स्थानों और नदियों के संगम से जुड़ा है। यहां गंगा, यमुना, सरस्वती और अन्य पवित्र नदियों की धारा मिलती है, जो भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धारा का प्रतीक हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को केवल एक स्थान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव का क्षेत्र बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2025 के महाकुंभ मेले के लिए कई प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें भारद्वाज आश्रम, श्रृंगवेरपुर धाम, अक्षयवट और हनुमान मंदिर गलियारे शामिल हैं, जिनसे श्रद्धालुओं की पहुंच आसान होगी। इसके अलावा, उन्होंने महाकुंभ ‘सहायक’ चैटबॉट की शुरुआत की, जो श्रद्धालुओं को मेला से जुड़ी ताजगी जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा पेयजल, बिजली आपूर्ति और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर एक औपचारिक पूजा और दर्शन से शुरू हुई। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने पूजा के बाद नौकाविहार का आनंद लिया और फिर महाकुंभ प्रदर्शनी स्थल का दौरा किया। उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से मेला आयोजन की तैयारियों के बारे में जानकारी ली।
महाकुंभ मेला हर 12 साल में आयोजित होता है और अगला मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने महाकुंभ के महत्व को और भी उजागर किया है, जो भारतीय संस्कृति और एकता के प्रतीक के रूप में पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।