पेट्रोल से जलाने के मामले में मुकदमा दर्ज, पांच टीमें गठित, जांच में संदिग्ध हालात

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फर्रुखाबाद /जहानगंज|   थाना जहानगंज क्षेत्र मे नेकपुर चौरासी की 33 वर्षीय निशा सिंह की पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की वीभत्स घटना ने पूरे इलाके को दहला कर रख दिया है। गंभीर रूप से झुलसी निशा की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद से परिवार में कोहराम मचा है और पूरे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पांच टीमें गठित कर आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है।6 सितंबर की सुबह करीब 10 बजे निशा सिंह दवाई लेने के बहाने घर से दरियायगंज निकली थी। इसी दौरान उन्हें अपनी माँ से भी मिलना था। कुछ ही समय बाद दरियायगंज के डॉक्टर धीरेंद्र सिंह चौहान ने उनके पिता बलराम सिंह को सूचना दी कि निशा झुलसी हुई हालत में पाई गई है। जब बलराम मौके पर पहुंचे तो स्थानीय लोगों से जानकारी मिली कि जैतपुर निवासी दीपक पुत्र मुन्ना सिंह ने पांच अज्ञात साथियों के साथ मिलकर कुंदन गणेशपुर स्कूल के पीछे बाग के किनारे निशा पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
झुलसी हुई अवस्था में निशा को पहले राम मनोहर लोहिया अस्पताल, और फिर गंभीर हालत के चलते सेफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।मृतका के पिता ने आरोप लगाया कि दीपक द्वारा पहले से ही उनकी बेटी को जबरन मिलने के लिए मजबूर किया जा रहा था। वह बार बार कॉल और मैसेज करता था, और कई बार रास्ता रोककर परेशान करता था। पिता के अनुसार, निशा इस मानसिक उत्पीड़न से परेशान थी।यह भी सामने आया है कि घटना से एक दिन पहले, यानी 5 सितंबर की रात को ही निशा का पति अमित सिंह काम के सिलसिले में दिल्ली गया था।मामले की जांच कर रहे अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. संजय सिंह, क्षेत्राधिकारी मोहम्मदाबाद अजय वर्मा, नवाबगंज थाना अध्यक्ष अवध नारायण पांडे, 112 प्रभारी अमोद कुमार सिंह और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। जांच में यह तथ्य सामने आया कि मृतका के पिता द्वारा दिया गया बयान और घटनास्थल का निरीक्षण मेल नहीं खा रहा है। साथ ही, जिन डॉक्टरों के पास निशा इलाज के लिए पहुंची थीं, उन्होंने जलने के कारणों की जानकारी नहीं दी, न ही युवती द्वारा किसी पर आरोप लगाया गया।पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है और पांच टीमें जांच में लगाई गई हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द सुनिश्चित करने का दावा किया गया है।अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. संजय सिंह ने कहा, मामला संवेदनशील है, सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।मृतका अपने पीछे 11 वर्षीय बेटा रूद्र सिंह और 9 वर्षीय सौर्य सिंह को छोड़ गई है। बच्चों के भविष्य को लेकर परिजन बेहद चिंतित हैं। गांव और आसपास के क्षेत्र में गम और गुस्से का माहौल है। लोग इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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