फ़र्रूख़ाबाद: कोतवाली फतेहगढ़ के मोहल्ला रंगसाजान निवासी युवती ने मंगलेश पत्नी संजीव कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) के समक्ष याचिका दायर की है, जिसमें उसने बेसिक शिक्षा विभाग के चार अधिकारियों और एक सहायक अध्यापक के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती ने अपनी याचिका में बताया कि उसके ससुर, हकीम सिंह, जो कि कन्या सीनियर बेसिक स्कूल फर्रुखाबाद में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे, की मृत्यु के बाद उनके परिवार को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा।
इस संकट के समाधान के लिए, पड़ोसी सुशील मिश्रा, जो कि सहायक अध्यापक हैं, ने उसकी सास, छमीला देवी से यह कहा कि उसका बेसिक शिक्षा अधिकारी से अच्छा संबंध है और वह उनके पति संजीव कुमार को मृतक आश्रित में नौकरी दिलवा सकता है। लेकिन इसके लिए दो लाख रुपये देने होंगे।
युवती के अनुसार, छमीला देवी ने एसबीआई बैंक से एक लाख पचास हजार रुपये निकाले और फिर दो बार में पच्चीस पच्चीस हजार रुपये नगद दिए। उक्त राशि को संजीव कुमार और नमो कुमार, राजेंद्र सिंह के सामने सुशील मिश्रा को दी गई। इसके बाद, सुशील मिश्रा ने संजीव कुमार के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्ति पत्र जारी कराया, लेकिन अगले ही दिन उसे निरस्त कर दिया गया।
यह देख छमीला देवी को अहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गई हैं और उन्होंने अपने रुपये वापस मांगे। लेकिन सुशील मिश्रा ने न केवल रुपये वापस करने से इंकार किया, बल्कि उसने अपने रिश्तेदारों से संजीव कुमार को प्रताड़ित भी करवाया, जिससे वह मानसिक तनाव का शिकार हो गए और पागल हो गए। इसके बावजूद, सुशील मिश्रा के प्रभाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, पीड़िता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर कई बार शिकायत दर्ज कराई, जिस पर जिलाधिकारी महोदय ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए थे। लेकिन सुशील मिश्रा के प्रभाव में आकर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।
एक दिन, पीड़िता ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जाकर जानकारी लेने की कोशिश की, तो वहां उसे सुशील मिश्रा, बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद, खंड शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार श्रीवास्तव और इंद्रपाल सिंह के साथ देखा गया, जो कोल्ड्रिंक पी रहे थे। जब उसने अपनी शिकायत की स्थिति के बारे में जानकारी ली, तो सुशील मिश्रा, इंद्रपाल सिंह, राजीव कुमार श्रीवास्तव और गौतम प्रसाद ने उसे गालियाँ दीं और जान से मारने की धमकी भी दी।
पीड़िता का आरोप है कि ये सभी लोग जालसाजी और षड्यंत्र में शामिल हैं और अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके बाद, उसने कोतवाली फतेहगढ़ पुलिस से शिकायत की और पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक द्वारा शिकायती पत्र भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंत में, पीड़िता ने न्यायालय में याचिका दायर की है और इन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह मामला अब न्यायालय के समक्ष है, और पीड़िता न्याय की उम्मीद कर रही है।