– जिले के नेताओं ने एक राय हो जीवनभय कि संस्तुति बाद भी शासन से हटवाई सुरक्षा
– दुबारा न हो इसके लिए करने जाते पैरवी
– कोई घटना घटी तो जिम्मेदार होंगे जिले के सभी जनप्रतिनिधि
फर्रुखाबाद। दैनिक यूथ इंडिया में मुख्य संपादक शरद कटियार ने माफिया अनुपम दुबे और उसके गैंग से अपनी जान को खतरा बताते हुए सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने शिकायत की है कि जिले के प्रभावशाली माफिया और स्थानीय सत्तारूढ़ नेताओं के दबाव के चलते उनकी सुरक्षा को हटवा दिया गया।जबकि उन्हें जान का खतरा है।कभी भी कोई बड़ी घटना उनके या परिवार संग घट सकती है।माफिया का भाई खुलेआम घूम रहा,मुख्य साथी अवधेश आए दिन षडयंत्र करने से वाज नहीं आ रहा।उन्हें सत्ता का संरक्षण मिल रहा।
शरद कटियार ने कहा कि जिले की पुलिस और खुफिया इकाई ने उनकी जान को खतरा बताया था, इसके बावजूद जिले के सत्तारुढ़ नेताओं ने मिलकर एक राय होकर गृह एवं गोपन विभाग से उनकी सुरक्षा हटवा दी। क्योंकि उन्होंने माफिया अनुपम दुबे के खिलाफ सरकार का साथ दिया जबकि माफिया से जनपद के सभी नेताओं के रिश्ते ठीक थे।उन्होंने यह भी बताया कि फर्जी मुकदमों के चलते उनकी रिवॉल्वर का लाइसेंस भी नवीनीकरण नहीं हो पाया।
माफिया का दबदबा और राजनीतिक संरक्षण
कटियार का आरोप है कि माफिया अनुपम दुबे और उसके गैंग के प्रमुख सदस्य, जिनमें अनुराग दुबे (डब्बन), अवधेश मिश्रा, अनूप सिंह राठौर, रच्छू ठाकुर, और मनकू मिश्रा शामिल हैं, खुलेआम घूम रहे हैं। इसके बावजूद उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया।
उन्होंने कहा कि जिले के अधिकांश नेता उनसे नाराज हैं, क्योंकि उन्होंने हमेशा माफिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। कटियार ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा भेजे गए प्रत्यावेदन जिला स्तर पर दबा दिए जाते हैं, क्योंकि सत्तारूढ़ जनप्रतिनिधि उन्हें सुरक्षित नहीं देखना चाहते।
26 साल की पत्रकारिता और वर्तमान चुनौतियां
शरद कटियार ने कहा, “26 साल की पत्रकारिता में मैंने हमेशा सच्चाई को प्राथमिकता दी है। लेकिन आज स्थिति यह है कि जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी जायज बात सुनने को तैयार नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि यदि उनके या उनके परिवार के साथ कोई वारदात होती है, तो इसके लिए जिले के सत्तारूढ़ नेता पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।
अनुपम दुबे, अनुराग दुबे (डब्बन), अवधेश मिश्रा, अनूप सिंह राठौर, रच्छू ठाकुर, मनकू मिश्रा आदि।गृह विभाग का आदेश, स्थानीय सिफारिश के बावजूद।
फर्जी मुकदमों की संख्या: उल्लेखित नहीं, लेकिन इन्हें आधार बनाकर रिवॉल्वर लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हुआ।सुरक्षा हटने के बाद खतरे का स्तर: जिला पुलिस और खुफिया रिपोर्ट में खतरे की पुष्टि।
शरद कटियार ने कहा, “हम डरते नहीं हैं। सच्चाई की आवाज को दबाने की कोशिशें नाकाम होंगी। जब तक जिंदा हैं, गुंडों और माफियाओं के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।”
कटियार ने सवाल उठाया कि जब राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत माफिया पर कार्रवाई का दावा किया जा रहा है, तो उनकी सुरक्षा को क्यों नजरअंदाज किया गया? उन्होंने राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच और उनकी सुरक्षा बहाल करने की मांग की है।
शरद कटियार ने समाज और सरकार से अपील की है कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि वे बिना भय के अपने कर्तव्य का पालन कर सकें। उन्होंने कहा कि माफिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी।