लखनऊ| दिल्ली में हुए बम धमाके की गुत्थी सुलझाने में जुटी जांच एजेंसियों को एक और अहम सुराग मिला है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े आरोपी डॉक्टर शाहीन और उनके भाई डॉक्टर परवेज की डिजिटल गतिविधियों की छानबीन में पता चला है कि दोनों ने सोशल मीडिया पर खुद से जुड़े लगभग सभी सुराग मिटा रखे थे। जांच में सामने आया है कि दोनों संदिग्ध मोबाइल ऐप के जरिए एक-दूसरे और अपने नेटवर्क से संपर्क साधते थे, जिसकी वजह से उनके बीच हुई बातचीत का रिकॉर्ड एजेंसियों को साफ तौर पर नहीं मिल पा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक डॉ. शाहीन का लिंक्डइन प्रोफाइल तो सक्रिय था, लेकिन वह किसी से बातचीत नहीं करती थीं। प्रोफाइल की जांच में पता चला कि उनसे पाकिस्तान, यूएई और कजाकिस्तान के कई लोग जुड़े थे, जिनमें पाकिस्तानी सेना के कई डॉक्टर भी शामिल थे। इसके अलावा हरदोई के एक स्कूल संचालक से भी कनेक्शन मिलने की जानकारी मिली है। हालांकि शाहीन ने लिंक्डइन पर कोई पोस्ट नहीं की थी, जिसके चलते उनकी गतिविधियां और संदिग्ध मानी जा रही हैं।
जांच अधिकारियों को शक है कि शाहीन और परवेज आपस में टेलीग्राम और सिग्नल जैसे एन्क्रिप्टेड मोबाइल ऐप के जरिए संपर्क में रहते थे। दोनों के कब्जे से मिले मोबाइल फोनों की फोरेंसिक जांच तेज़ी से जारी है, ताकि डिजिटल सबूतों के जरिए मॉड्यूल की गतिविधियों का पूरा नेटवर्क सामने लाया जा सके।
तीन मेडिकल कॉलेजों के घेरे में जांच
इसी कड़ी में यूपी एटीएस और एनआईए की टीमें कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, इंट्रीग्रल यूनिवर्सिटी और इरा मेडिकल कॉलेज में 2013 से 2015 के दौरान डॉक्टर शाहीन और डॉक्टर परवेज के संपर्क में रहे छात्रों और फैकल्टी से लगातार पूछताछ कर रही हैं। तीनों संस्थानों से उन वर्षों में तैनात रहे डॉक्टरों और पढ़ाई कर चुके छात्रों की सूची मंगाकर एक-एक व्यक्ति से जानकारी जुटाई जा रही है।
श्रीनगर में भी एटीएस की खोजबीन तेज
एटीएस की एक टीम श्रीनगर भेजी गई है, जहां से इस मॉड्यूल के बारे में और गहरी जानकारियां एकत्र की जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस की पूछताछ रिपोर्ट के आधार पर यूपी में मॉड्यूल के कथित मददगारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच में कश्मीर और यूपी मूल के कई डॉक्टर भी राडार पर हैं, जिनसे मॉड्यूल के संपर्कों को लेकर विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि फोरेंसिक रिपोर्ट और पूछताछ के आधार पर जल्द ही दिल्ली ब्लास्ट मॉड्यूल का पूरा नेटवर्क उजागर हो जाएगा।






