नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दी है। विपक्ष की ओर से ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर लगातार की जा रही संसद के विशेष सत्र की मांग के बीच सरकार ने यह एलान किया है।
इस दौरान दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चलेगी और विभिन्न विधायी व गैर-विधायी कार्यों पर चर्चा होगी। रिजिजू ने कहा कि सत्र के दौरान कई अहम विधेयकों को पेश करने और चर्चा के लिए लाने की तैयारी की जा रही है। साथ ही, देश के मौजूदा सामाजिक-आर्थिक हालातों, महंगाई, बेरोजगारी, और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी बहस की संभावना है।
संसदीय कार्य मंत्री ने सभी दलों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सरकार चाहती है कि यह सत्र सुचारू रूप से चले और देशहित में सकारात्मक चर्चा हो। उन्होंने कहा कि जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप संसद को कार्य करना चाहिए। विपक्ष की भागीदारी लोकतंत्र की आत्मा है, और हम सभी से रचनात्मक सहयोग की आशा करते हैं।
कल कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। विपक्षी दलों ने पीएम मोदी को संयुक्त चिट्ठी लिखकर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी।
मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है बीमा संशोधन विधेयक
संसद के मानसून सत्र में बीमा संशोधन विधेयक पेश किया जा सकता है। विधेयक में बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की तैयारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विधेयक का मसौदा तैयार है और इसे जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग विधेयक को संसद में पेश करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।