यूथ इंडिया समाचार
नई दिल्ली। उत्तर भारत इन दिनों भीषण बारिश और बाढ़ की चपेट में है। पंजाब के 12 जिलों में हालात सबसे ज्यादा बिगड़े हुए हैं। पठानकोट, फिरोजपुर, अमृतसर और गुरदासपुर समेत प्रभावित इलाकों में 1,312 गांव डूब गए हैं और अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 2.56 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं। राज्य सरकार ने 129 राहत शिविर लगाए हैं, जिनमें सात हजार से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि अब तक 15 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हालात की समीक्षा के लिए मंगलवार को हाईलेवल बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार देर रात सीएम मान से फोन पर बात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
पंजाब के हालात का असर पड़ोसी हरियाणा में भी दिखाई दे रहा है। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। भिवानी, हिसार, सिरसा, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और पंचकूला के कुछ स्कूलों में छुट्टियाँ कर दी गई हैं। वहीं गुरुग्राम में दफ्तरों को कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के आदेश दिए गए हैं।
उत्तराखंड में भी भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। राज्य सरकार ने सभी 13 जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए हैं। सोमवार को केदारनाथ मार्ग पर हुए भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई और छह घायल हो गए। खराब मौसम को देखते हुए चारधाम यात्रा 5 सितंबर तक रोक दी गई है।
हिमाचल प्रदेश में इस साल अगस्त की बारिश ने 76 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बीते महीने सामान्य से 68 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई। शिमला में पिछले 24 घंटे में भूस्खलन और मकान गिरने से चार लोगों की मौत हो गई है। मौसम विभाग ने छह जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है और आठ जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद रखने के निर्देश दिए हैं। कुल्लू जिले के आनी बस स्टैंड पर मंगलवार सुबह भूस्खलन से तीन मंजिला इमारत ढह गई। गनीमत रही कि उसमें कोई नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
दिल्ली में भी यमुना का जलस्तर बढऩे से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। मजनू का टीला इलाके में कई घरों और झुग्गियों में पानी घुस गया है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर बारिश का दौर जारी रहा तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
उत्तर भारत में लगातार हो रही बारिश से जहां फसलें और संपत्ति नष्ट हो रही हैं, वहीं हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम की यही स्थिति बनी रही तो संकट और गहराएगा।