कायमगंज, फर्रुखाबाद: आधुनिक भारत के निर्माता एवं देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू (Pandit Nehru) की जयंती पर विश्व बंधु परिषद (World Brothers Council) द्वारा आयोजित परिचर्चा में प्रोफेसर रामबाबू मिश्र तयरत्नेश ने कहा कि दो परस्पर आक्रामक खेमों में बटे विश्व को नेहरू ने गुटनिरपेक्षता का तोहफा दिया।
यूरोप की तर्ज पर देश का औद्योगिकरण किया लेकिन इससे गांव और किसान उपेक्षित रहे। घरेलू धंधे चौपट हो गए। उन्होंने जनतांत्रिक मूल्यों का हमेशा सम्मान किया। संसद में डॉक्टर लोहिया मीनू मसानी जैसे दिग्गज विपक्षी नेता अपने प्रश्न प्रहारों से सरकार को विचलित करते रहते। कांग्रेस दल के चंद्रशेखर आदि युवा तुर्क अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलते।
नेहरू के दामाद फीरोज गांधी सरकार की बखिया उधेड़ते रहते। नेहरू सरकार ने कभी बदले की भावना से काम नहीं किया। सीपी विद्या निकेतन के प्रधानाचार्य योगेश तिवारी ने कहा कि इतिहास पुरुष ऐतिहासिक गलतियां करते हैं जिससे देश का भविष्य प्रभावित होता है। नेहरू भी इसके अपवाद नहीं थे। लेकिन उनकी नीयति और राष्ट्रभक्ति पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगाये जा सकते। गोष्ठी में अमित पांडेय, जेपी दुबे ,वीएस तिवारी, यशवर्धन मिश्रा, आदि ने विचार व्यक्त किये।


