पाकिस्तान का बंटवारा न होता तो भारत में मुस्लिम प्रधानमंत्री बन सकता था: सपा विधायक

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संभल। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और संभल विधानसभा सीट से विधायक इकबाल महमूद ने शनिवार को एक बयान देकर सियासी हलचल मचा दी। उन्होंने कहा कि अगर साल 1947 में पाकिस्तान का बंटवारा नहीं हुआ होता, तो आज भारत में मुस्लिम प्रधानमंत्री बनने की पूरी संभावना थी। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में इस वक्त करीब 30 से 32 करोड़ मुसलमान हैं, जो एक बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन विभाजन के कारण उनकी राजनीतिक ताकत कमजोर पड़ गई।

इकबाल महमूद ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्ना ने अपने स्वार्थ के कारण देश को दो हिस्सों में बांटा और मुसलमानों की सामूहिक ताकत को कमजोर कर दिया। उन्होंने कहा कि “अगर जिन्ना ने अलग पाकिस्तान की मांग न की होती, तो आज हिंदुस्तान में मुसलमानों की स्थिति बहुत मजबूत होती और कोई भी मुस्लिम देश का प्रधानमंत्री बन सकता था।”

उन्होंने विभाजन को एक ऐतिहासिक भूल बताते हुए अफसोस जाहिर किया कि उस समय के नेताओं ने एकता और सहअस्तित्व के सिद्धांत को कायम नहीं रखा। सपा विधायक ने कहा कि आज भी मुसलमान देश के विकास में बराबर की भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन राजनीतिक प्रतिनिधित्व के मामले में उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

इकबाल महमूद ने आगे कहा कि “हमारे बुजुर्गों ने इस देश के निर्माण में खून-पसीना बहाया है। मुसलमानों ने स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान दिया, लेकिन आज उन्हें केवल वोट बैंक बनाकर इस्तेमाल किया जा रहा है। हमें अपनी पहचान और हक के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठानी होगी।”

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