पाकिस्तान में छुपा बैठा भारत का एक और दुश्मन की रविवार को हत्या कर दी गयी। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी रजाउल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह खालिद को अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी। साल 2006 में आरएसएस मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान के सिंध में मारा गया। वहीं, आतंकी अबू सैफुल्लाह खालिद की मौत के बाद पाकिस्तान की आतंकवाद के लिए हमदर्दी खुलकर सामने आयी है।
दरअसल, सिंध में आतंकी रजाउल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह खालिद के जनाजे की नमाज पढ़ी गई। इस दौरान उसके जनाजे में लश्कर के कई आतंकी शामिल हुए। यही नहीं लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी की लाश को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया जैसे कि किसी शहीद को सम्मान दिया जाता है, जिसके बाद एक-एक करके आतंकियों ने नमाज-ए-जनाजा पढ़ा।
बता दें कि आतंकी सैफुल्लाह खालिद का 17 साल पहले 31 दिसंबर, 2007 में रामपुर स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुए आतंकी हमले में हाथ रहा था। पाकिस्तान में रहकर लश्कर के लिए आतंकियों की भर्ती कर रहा था।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में लश्कर के टॉप आतंकियों की सुरक्षा में पाक आर्मी और ISI ने इजाफा किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैफुल्लाह समेत अन्य आतंकियों को लश्कर की तरफ से घर से ज्यादा बाहर नहीं निकलने को कहा गया था।
हालांकि, सैफुल्लाह का भी वही हाल हुआ, जो पाकिस्तान में छुपे आतंकियों का हो रहा है। पाकिस्तान में करीब दो साल में ऐसे ही अज्ञात बंदूकधारियों ने कई आतंकियों को मौत के घाट उतारा है।