अमृतपुर (फर्रुखाबाद| प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संगठन अमृतपुर, फर्रुखाबाद के बैनर तले आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए क्षेत्र के सैकड़ों पत्रकारों ने अमृतपुर थाने से लखनऊ तक पैदल मार्च की शुरुआत की। पत्रकारों का यह मार्च प्रशासनिक तंत्र और शासन-प्रशासन द्वारा लगातार हो रहे पत्रकारों के उत्पीड़न, फर्जी मुकदमे दर्ज किए जाने और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले के विरोध में किया जा रहा है।सुबह से ही अमृतपुर कस्बे में पत्रकारों का जमावड़ा देखने को मिला। सभी पत्रकार हाथों में तख्तियाँ, बैनर और झंडे लिए “पत्रकार एकता ज़िंदाबाद”, “हम न्याय लेकर रहेंगे”, “फर्जी मुकदमे वापस लो” जैसे नारे लगाते हुए थाने से आगे बढ़े। पत्रकारों की यह लंबी कतार कस्बे के मुख्य मार्गों से होती हुई आगे बढ़ी तो आम जनमानस का भी ध्यान इस आंदोलन की ओर आकर्षित हुआ।
संगठन के अध्यक्ष ने बताया कि बीते कुछ महीनों में जिले के कई पत्रकारों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। कई पत्रकारों को खबर लिखने पर प्रताड़ित किया गया, जिससे मीडिया जगत में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि यह मार्च तब तक जारी रहेगा जब तक पत्रकारों के सम्मान और सुरक्षा को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए जाते।
संगठन के महामंत्री ने कहा कि संविधान ने पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया है, लेकिन इस अधिकार को कुचलने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं। प्रशासनिक दबाव और धमकियों के बीच पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर सच्चाई जनता तक पहुँचाते हैं, फिर भी उनके साथ अन्याय हो रहा है।पत्रकारों का कहना है कि यह पैदल मार्च केवल विरोध नहीं बल्कि एक जागरूकता अभियान भी है, जिससे सरकार और समाज दोनों को यह संदेश दिया जा सके कि कलम की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता।
पत्रकारों ने कहा कि वे लखनऊ पहुंचकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, फर्जी मुकदमों की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाए।
पूरे मार्ग में लोगों ने पत्रकारों का स्वागत किया और उन्हें न्याय की लड़ाई में समर्थन देने का भरोसा जताया।






