समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा और उसके सहयोगियों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा की राजनीति का असली चेहरा “पहले इस्तेमाल करो, फिर बर्बाद करो” वाली नीति है।
अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा न तो अपने कार्यकर्ताओं की सगी है और न ही अपने सहयोगियों की। यही कारण है कि कल तक भाजपा की अपनी ही “परिषद बनाम वाहिनी” की लड़ाई सामने आई थी और अब पार्टी अपने तथाकथित राजनीतिक सहयोगियों के खिलाफ उनके घरों तक प्रदर्शन करवा रही है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा की दरारवादी सोच अब उसके अपने गुटों को तोड़ने पर उतारू है। भाजपा के सहयोगियों को अब समझ आ गया है कि यह ‘इस्तेमाल करने वाली पार्टी’ है।
भाजपा उनके ख़ज़ाने में ‘माल’ तो डाल सकती है,
लेकिन उन्हें ‘मान’ और सम्मान कभी नहीं देगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का असली चरित्र ही है — “पहले इस्तेमाल करो, फिर बर्बाद करो।”
अखिलेश यादव ने भाजपा की इस अंदरूनी लड़ाई में पुलिस प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि बड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद को बचाने के लिए कनिष्ठ पुलिसकर्मियों को आगे कर रहे हैं।
अधिकारी एसी में बैठकर भाजपा नेताओं के सामने ‘यस सर-यस सर’ कर रहे हैं।
लेकिन सड़क पर वही कनिष्ठ पुलिसकर्मी, भाजपा के सहयोगियों के अभद्र व्यवहार के बावजूद, हाथ जोड़कर ‘भाई-भाई’ कहने को मजबूर किए जा रहे है
अखिलेश ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने अपने सहयोगियों की राजनीतिक हैसियत पूरी तरह खत्म कर दी है।
सहयोगी अब अपने समाज में मुँह दिखाने लायक नहीं बचे हैं।
वे राजनीतिक रूप से बर्बाद हो चुके हैं।
उनके हाथ-पाँव ठंडे पड़ गए हैं और चेहरे पीले पड़ चुके हैं।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा की राजनीति सिर्फ सत्ता और साजिश पर टिकी है, उसमें न सहयोगियों के लिए जगह है और न ही लोकतंत्र के लिए।