भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करने के लिए भारत ने सात देशों में विशेष प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं। इन्हीं में से एक प्रतिनिधिमंडल में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल थे, जिन्होंने अल्जीरिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर करारा प्रहार किया।
पाकिस्तान आतंकवाद का सरपरस्त
ओवैसी ने पाकिस्तान को आतंकवाद का मुख्य सरपरस्त बताते हुए कहा कि वहां जकीउर रहमान लखवी जैसे आतंकियों को जेल में भी विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। ओवैसी ने कहा कि एक आतंकी जकीउर रहमान लखवी जेल में था, लेकिन वहीं से वह पिता बन गया। बताइए, जेल में होने के बावजूद उसकी पत्नी मां कैसे बन गई?
ओवैसी ने बताया कि जब पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया, तब उस पर थोड़ी कार्रवाई का दबाव पड़ा, और लखवी के खिलाफ केस तेजी से आगे बढ़ा। लेकिन जैसे ही अंतरराष्ट्रीय दबाव कम हुआ, पाकिस्तान फिर अपनी पुरानी चालों पर लौट आया। उन्होंने कहा- अगर पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में डाला जाए, तो भारत में आतंकवादी घटनाओं में गिरावट आ सकती है।
पाकिस्तान का आतंक से रिश्ता कोई नई बात नहीं
ओवैसी ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान की विचारधारा अल-कायदा और दाइश जैसी वैश्विक आतंकी सोच से मेल खाती है। उन्होंने कहा पाकिस्तान तकफीरी विचारधारा का केंद्र है। वहां के आतंकी संगठनों की सोच वही है जो आईएसआईएस और अल-कायदा की है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का रुख सख्त
7 मई 2025 को भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) और सीमावर्ती इलाकों में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया। इसमें 100 से अधिक आतंकी, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े लोग शामिल थे, मारे गए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने सीमा पार गोलाबारी और ड्रोन हमलों के जरिए जवाब देने की कोशिश की, जिसके बाद भारत ने 11 पाकिस्तानी एयरबेस तबाह किए। 10 मई को अस्थायी सीजफायर पर सहमति बनी।
भारत का संदेश स्पष्टए आतंक को समर्थन बर्दाश्त नहीं
ओवैसी के इस बयान ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद को केवल सीमाई मुद्दा नहीं, बल्कि वैश्विक खतरा मानता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में वापस डाला जाए ताकि दुनिया में शांति और भारत में सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।