लखनऊ| एसटीएफ ने ओवरलोड वाहनों को अवैध रूप से पास कराने वाले एक बड़े रिश्वतखोरी सिंडिकेट का भंडाफोड़ कर दो आरोपियों—सीतापुर के सिधौली निवासी दलाल अभिनव पांडेय और कानपुर जनपद के सजेती, कुरिया गांव निवासी डंपर चालक कपिल—को मड़ियांव क्षेत्र से गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि सिंडिकेट लंबे समय से परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से प्रति वाहन छह हजार रुपये लेकर ओवरलोड ट्रकों को शहर की सीमा पार कराता था। दलाल अभिनव खुद प्रति ट्रक सात हजार रुपये वसूलने की बात कबूलकर चुका है, जिसमें छह हजार रुपये बतौर रिश्वत एआरटीओ व अन्य कर्मचारियों तक पहुँचाए जाते थे। गाड़ी का नंबर रुपये के साथ अधिकारियों को भेज दिया जाता और उसके बाद वाहन को बिना किसी रोक-टोक के पास कर दिया जाता, जिससे रास्ते में कोई भी अधिकारी उसे रोकता नहीं था।
एसटीएफ टीम ने दोनों आरोपियों को भिठौली ओवरब्रिज के पास से गिरफ्तार कर उनके पास से पांच मोबाइल फोन, एक डायरी, दो रजिस्टर, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, कार, डंपर, खनिज संबंधी दस्तावेज, कांटे की पर्चियां और टैक्स इन्वॉयस बरामद किए। आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर लखनऊ परिवहन विभाग में तैनात एआरटीओ राजू बंसल, दीवान अनुज, गिरिजेश, पीटीओ मनोज भारद्वाज, पूर्व आरटीओ का चालक विनोद यादव, दलाल के भाई रितेश कुमार और सहयोगी सुनील सचान के नाम सामने आए। एसटीएफ इंस्पेक्टर ज्ञानेंद्र कुमार राय की तहरीर पर सभी के खिलाफ मड़ियांव थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998 की धारा 7, 12, तथा धोखाधड़ी, जालसाजी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इधर, ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली के ही एक अन्य प्रकरण में पकड़े गए दलाल मोहित सिंह और ट्रक चालक सुनील यादव को विशेष अदालत में पेश किए जाने के बाद जेल भेज दिया गया। जबकि रायबरेली और फतेहपुर के एआरटीओ—पुष्पांजलि मित्रा और अंबुज, उनके चालक सिकंदर, अशोक तिवारी, पीटीओ अखिलेश तिवारी, रेहाना, दीवान नौशाद सहित कुल नौ आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। एसटीएफ ने इनके खिलाफ लालगंज कोतवाली में भी मुकदमा दर्ज कराया है।



