फर्रुखाबाद। जिले में इन दिनों मिट्टी से ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रालों का आतंक बढ़ता जा रहा है। शहर की मुख्य सड़कों से लेकर ग्रामीण इलाकों की गलियों तक ये भारी-भरकम वाहन तेज रफ्तार से दौड़ रहे हैं। कई ट्रालों में ब्रेक तक सही ढंग से काम नहीं करते, जिससे राहगीरों और अन्य वाहनों के लिए खतरा लगातार बढ़ रहा है। अगर प्रशासन ने समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की, तो किसी भी दिन कोई बड़ी अनहोनी घट सकती है।
ग्रामीण इलाकों जैसे मोहम्मदाबाद, कायमगंज, कमालगंज और राजेपुर मार्ग पर मिट्टी ढोने वाले ट्रैक्टर-ट्रालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ज्यादातर ट्रैक्टर चालक बिना फिटनेस, बिना लाइसेंस और बिना किसी सुरक्षा मानक के वाहन चला रहे हैं। ठेकेदारों और मिट्टी कारोबारियों की मिलीभगत से ट्रैक्टरों में क्षमता से कई गुना अधिक मिट्टी लादकर इन्हें चलाया जा रहा है। भारी वजन के कारण इन वाहनों के टायर और ब्रेक जल्दी खराब हो जाते हैं, जिससे किसी भी वक्त संतुलन बिगड़ सकता है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि मिट्टी भरने का काम अक्सर देर रात तक चलता रहता है। अंधेरे में तेज गति से ट्राले सड़कों पर दौड़ते हैं, जिनमें न तो पीछे की लाइट होती है और न ही रिफ्लेक्टर। कई बार लोगों को ऐसे ट्रैक्टर अचानक सामने आ जाते हैं, जिससे टक्कर की नौबत बन जाती है।
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस और परिवहन विभाग की मिलीभगत से ट्रैक्टर चालक खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कोई जांच नहीं होती, न ही चालान की कार्रवाई। कई चालक नाबालिग हैं, जो बिना किसी अनुभव के ये भारी वाहन चला रहे हैं।सड़क किनारे रहने वाले लोगों ने बताया कि इन ट्रालों से उड़ने वाली धूल मिट्टी से सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। स्कूल जाने वाले बच्चों और राहगीरों के लिए स्थिति बेहद खतरनाक होती जा रही है। महिलाओं ने बताया कि ट्रालों की तेज रफ्तार से गुजरने के दौरान घरों की दीवारें तक हिल जाती हैं।


