– बाल्यावस्था की शिक्षा में नवाचार की दिशा में सार्थक संवाद
फर्रुखाबाद। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, श्यामनगर में चल रहे दस दिवसीय नवचयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के तीसरे दिन दिनांक 24 जून 2025 को ECCE (Early Childhood Care and Education) व नई शिक्षा नीति 2020 पर केंद्रित विशेष सत्र का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण का शुभारंभ वंदना सत्र से हुआ, जिसमें प्रमुख अतिथियों के रूप में श्री स्वदेश कुमार दुबे (पर्यावरण प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), श्री स्वदेश गंगवार (जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी विभाग), श्री अयोध्या प्रसाद मिश्र (प्रदेश निरीक्षक, विद्या भारती कानपुर प्रांत) तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य रामकृष्ण बाजपेई उपस्थित रहे।
वंदना सत्र के उपरांत श्री अयोध्या प्रसाद मिश्र ने ECCE विषय पर मार्गदर्शन करते हुए कहा कि प्रारंभिक बाल्यावस्था में शिक्षा और देखभाल बच्चे के सर्वांगीण विकास की नींव होती है। शिशु मंदिर योजना को तीन स्तंभों—समाज पोषित विद्यालय, मातृभाषा में शिक्षा, और समानता आधारित शिक्षा—पर आधारित बताया।
उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 की विस्तृत जानकारी देते हुए 5+3+3+4 के ढांचे को बालकों के संज्ञानात्मक, नैतिक, शारीरिक और सांस्कृतिक विकास के अनुकूल बताया।
दूसरे सत्र में आचार्या श्रीमती माला वर्मा ने पंचपदी शिक्षण पद्धति की व्याख्या की और ECCE आधारित गतिविधियों जैसे अक्षर ज्ञान, ध्वनि, रंग, फल, संख्या, वस्तु परिचय आदि पर आधारित शिक्षण नवाचारों को प्रस्तुत किया। उन्होंने अभिनय, खेल और चित्र आधारित शिक्षण की प्रभावशीलता को रेखांकित किया।
सत्र में सभी प्रशिक्षु आचार्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।