– सजा दिलाने वाली अभियोजन टीम सहित जांबाज पुलिस कर्मी हुए सम्मानित

फर्रुखाबाद। अपराध जगत में लंबे समय से खौफ का पर्याय रहे कुख्यात माफिया अनुपम दुबे और उसके साथी बालकिशन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने दोनों को उम्रकैद के साथ एक लाख तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। इस ऐतिहासिक सफलता का श्रेय उस अभियोजन टीम और जांबाज पुलिस कर्मियों को जाता है, जिन्होंने 30 साल पुराने इस केस को मजबूत साक्ष्यों और अदम्य साहस से अंजाम तक पहुँचाया।एस पी ने सभी क़ानून के रखवालों को सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया है।

यह उपलब्धि “ऑपरेशन कन्विक्शन” के तहत मिली। पुलिस महानिदेशक लखनऊ के विशेष निर्देश पर अभियोजन और पुलिस टीम ने अदालत में पुख्ता साक्ष्य और गवाही प्रस्तुत की, जिसके आधार पर 27 अगस्त 2025 को विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
इस सराहनीय सफलता के उपलक्ष्य में पुलिस अधीक्षक फतेहगढ़ आरती सिंह ने क्षेत्राधिकारी लाइन अजय कुमार वर्मा के साथ सजा दिलाने वाली अभियोजन टीम और जांबाज पुलिस कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि—
“यह फैसला यूपी पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति की बड़ी जीत है। अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस और अभियोजन ने जिस निष्ठा और समर्पण से काम किया है, वह कानून-व्यवस्था की मजबूती और जनता में विश्वास का प्रतीक है।”
अदालत के इस फैसले से जहां पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है, वहीं अपराधियों में गहरी दहशत और आम जनता में पुलिस पर विश्वास और भी प्रगाढ़ हुआ है। पुलिस-अभियोजन के इस समन्वय ने यह साबित कर दिया कि कानून का शिकंजा कितना मजबूत है और अपराधी चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, न्याय से बच नहीं सकता।
अभियोजन पक्ष के जिला शासकीय अधिवक्ता सुदेश कुमार गंगवार अपर जिला शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह राजपूत,हरिनाथ सिंह, श्रवण कुमार, अभिषेक सक्सेना,के अलावा प्रभारी माफिया सेल आमोद कुमार सिंह,कोतवाल फ़तेहगढ रण विजय सिंह,वाचक एस पी गोविन्द हरि वर्मा,पूर्व थाना प्रभारी बलराज भाटी, हेड कांस्टेबल पैरोकार शैलेन्द्र सिंह,श्याम सिंह,अजय कुमार, सचेद्र सिंह, गौरव यादव को एसपी आरती सिंह ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

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