फर्रुखाबाद: मिशन शक्ति (mishan shakti) 5.0 के अंतर्गत जिलाधिकारी के निर्देशन में “कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न (Sexual Harassment of Women) (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 13 अक्टूबर 2025 को कलेक्ट्रेट सभागार, फतेहगढ़ में किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाधिकारी ने की।
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार गौड़, अपर पुलिस अधीक्षक, जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल चन्द्र, अपर जिला जज एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजय कुमार, तथा वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि—
“सभी माताओं और बहनों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा दें जिससे वे अपनी ही नहीं, बल्कि समाज की प्रत्येक माता और बहन का सम्मान करना सीखें। हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर से प्रेरणा लेकर समाज में मर्यादा और सम्मान की भावना स्थापित करनी चाहिए।”
अपर पुलिस अधीक्षक ने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान साइबर अपराध युग में महिलाओं और बालिकाओं को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने विशेष रूप से सुझाव दिया कि—
“महिलाएं और बच्चियां सोशल मीडिया, विशेषकर फेसबुक पर अपनी निजी तस्वीरें साझा करने से बचें, ताकि उनका कोई दुरुपयोग न कर सके।”
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजय कुमार ने अधिनियम की कानूनी पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह कानून महिलाओं को कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने भैरवी देवी बनाम राजस्थान राज्य (Vishakha Guidelines) मामले का उल्लेख करते हुए बताया कि इसी के आधार पर विशाखा समिति और आगे चलकर यह अधिनियम अस्तित्व में आया।
जिला अभियोजन अधिकारी ने कहा कि विशाखा समिति और अधिनियम का सही क्रियान्वयन ही महिलाओं के प्रति अपराधों की रोकथाम में मील का पत्थर सिद्ध हो सकता है।कार्यशाला में HEW टीम से कुमुदिनी रमन (जेंडर स्पेशलिस्ट) एवं निर्मला राजपूत (जेंडर स्पेशलिस्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन) उपस्थित रहीं। इसके अलावा OSC टीम, दत्तक ग्रहण इकाई, तथा विभिन्न विभागों की महिला कर्मियों ने भी सक्रिय भागीदारी की। कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और कार्यस्थलों पर सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना था।


