उदाहरण, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने की सराहना
– डीएम आशुतोष कुमार द्विवेदी की सभी ने की सराहना,
ब्रज संस्कृति और आत्मनिर्भरता के प्रतीक ‘नंदिनी’ के नाम से शुरू हुआ स्वदेशी दुग्ध ब्रांड
फर्रुखाबाद। जिले में स्वदेशी और शुद्ध दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए “नंदिनी दूध” ब्रांड का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह रहे, जबकि जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने इस अवसर पर अपने प्रेरणादायी वक्तव्य से सभी को अभिभूत कर दिया।
शुभारंभ कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने अपने उद्बोधन करते हुए भारतीय संस्कृति में गाय के महत्व, विशेष रूप से नंद बाबा की 9 लाख गायों की गोवंशीय व्यवस्था का स्मरण किया। उन्होंने बताया कि कैसे ब्रज क्षेत्र में गोपालक समाज की यह व्यवस्था केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और कृषि आधारित स्वावलंबन का मजबूत मॉडल थी।
“नंद बाबा की तरह हम भी यदि गोवंश को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाएं, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति आ सकती है,” जिलाधिकारी ने कहा।
उन्होंने “नंदिनी” नाम को केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि भारतीय आस्था, स्वदेशी गर्व और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक बताया।
जिलाधिकारी ने अपने भाषण में बताया कि जिले में नंदिनी के पौराणिक नाम का जिक्र किया और नंद बाबा की गोवंश व्यवस्था के जरिए मजबूत होती अर्थव्यवस्था का व्यापक विश्लेषण पेश किया और नंदिनी दूध कंपनी से कहा कि किसानों के हितों का ध्यान रखें साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
जिलाधिकारी के वक्तव्य के बाद मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने मंच से ही कहा,
“जिलाधिकारी ने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को जिस तरह अपने वक्तव्य में पिरोया, वह प्रेरणादायक है। नंद बाबा के उदाहरण से ‘नंदिनी’ दूध को जोड़ना एक दूरदर्शी सोच का प्रमाण है।”
उन्होंने जिलाधिकारी की पीठ थपथपाई और कहा कि ऐसी सोच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को ज़मीनी सफलता दिला सकती है। कहा कि,
“नंदिनी” नाम ब्रज की सांस्कृतिक चेतना को करेगा राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करेगा,लेकिन किसानो को उनका वाजिब दाम दिलाते रहिएगा,और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें।
कार्यक्रम का समापन करते हुए जिलाधिकारी ने दोहराया कि
“नंद बाबा की गोशाला सिर्फ एक धार्मिक आख्यान नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत का आदर्श मॉडल है, जिसे हम ‘नंदिनी’ दूध के माध्यम से फिर जीवंत करेंगे।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गौपालक, कृषक, महिला समूह, और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। नंदिनी दूध के प्रथम बैच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जिसमें स्वदेशी गायों का ताजा दूध बाजारों में उपलब्ध कराया गया।
यह शुभारंभ, एक परंपरा का पुनर्जागरण है — ब्रज की गोशाला से भारत की आत्मनिर्भरता तक।


