अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों में डिजिटल बदलाव को तेज करने की यह पहल प्रतिभाशाली इन्नोवेटर्स को अपने कंप्लायंट, स्केलेबल और स्वदेशी तकनीकी समाधान UCBs में लागू करने का अवसर देगी।
नई दिल्ली: नेशनल अर्बन कोऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NUCFDC), जो देश के अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों (UCBs) का अम्ब्रेला ऑर्गेनाइजेशन है, ने IIMA वेंचर्स के साथ मिलकर भारत को-ऑपाथॉन 2025 (India Co-opathon) की शुरुआत की है। यह चयन-आधारित पहल प्रतिभाशाली इन्नोवेटर्स को अपने कंप्लायंट, स्केलेबल और कम लागत वाले डिजिटल समाधान UCBs में लागू करने का अवसर देगी और अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों में डिजिटल बदलाव की गति को तेज करेगी। इस पहल में स्टार्ट-अप्स, फिनटेक कंपनियाँ, टेक्नोलॉजिस्ट्स, प्रोडक्ट टीम्स और डेटा इनोवेटर्स UCB इकोसिस्टम के अनुरूप अपने समाधान प्रस्तुत करने के लिए भाग ले सकेंगे।
भारत को-ऑपाथॉन 2025 का उद्देश्य UCBs को उनके बैंकिंग सिस्टम को बेहतर बनाने, रिस्क मैनेजमेंट मजबूत करने और कामकाज को आधुनिक बनाने में मदद करना है। कार्यक्रम में शामिल सभी समाधान पारदर्शी तरीके से और तय मानदंडों के अनुसार परखे जाएंगे, जिनमें इनोवेशन, सुरक्षा, नियमों का पालन, बड़े पैमाने पर लागू करने की क्षमता और उपयोगिता शामिल होगी।
इस पहल का उद्देश्य अर्बन कोऑपरेटिव बैंकिंग सेक्टर में वित्तीय समावेशन को गहरा करना, गवर्नेंस मानकों को मजबूत करना और दीर्घकालीन विकास को सुदृढ़ करना है। इसमें साइबर सुरक्षा ढांचे पर विशेष जोर दिया जाएगा, जिसमें डेटा संप्रभुता, ग्राहक सुरक्षा और नियामक अनुपालन शामिल हैं। प्रोग्राम पूरे सेक्टर में मानकीकरण को बढ़ावा देगा और सॉल्यूशंस को पायलट स्तर से लेकर पूर्ण पैमाने पर लागू करने तक इन्नोवेटर्स और बैंकों के बीच टिकाऊ साझेदारी स्थापित करेगा।
इस पहल के बारे में बात करते हुए, NUCFDC के सीईओ श्री प्रभात चतुर्वेदी ने कहा, “अर्बन कोऑपरेटिव बैंक भारत के वित्तीय समावेशन के एजेंडे में महत्वपूर्ण संस्थान हैं और लंबे समय से समुदाय-आधारित फाइनेंस का केंद्र रहे हैं। जहाँ बड़े UCBs ने डिजिटल तकनीक अपनाने में प्रगति की है, वहीं कई छोटे और मध्यम बैंक अब भी सीमित तकनीकी ढांचे के साथ काम कर रहे हैं। भारत को-ऑपाथॉन 2025 का उद्देश्य UCBs को उनके आवश्यकताओं के अनुसार तकनीकी समाधान प्रदान करके इस अंतर को कम करना और उन्हें तेज़ और प्रभावी डिजिटल आधुनिककरण की ओर अग्रसर करना है।”
IIMA वेंचर्स की सीईओ एवं मैनेजिंग पार्टनर प्रियंका चोपड़ा ने कहा, “अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक बदलाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और भारत को-ऑपाथॉन 2025 उन्हें मॉडर्न, स्केलेबल तकनीक अपनाने का व्यवस्थित माध्यम देगा। यह इन्नोवेटर्स को ऐसे समाधान दिखाने का प्लेटफॉर्म भी प्रदान करता है, जिन्हें लागू करके बैंकिंग सुविधाओं से वंचित और कम आय वाले लोगों के लिए वास्तविक बदलाव लाया जा सके।”
इस कार्यक्रम में जीतने वाले इन्नोवेटर को सभी भागीदार UCBs के साथ मिलकर अपने प्रोडक्ट्स को आज़माने और उन्हें बड़े स्तर पर लागू करने का मौका मिलेगा। साथ ही, IIMA वेंचर्स के नियमों और प्रोटोकॉल के अनुसार सीड फंडिंग, इंटरैक्टिव वर्कशॉप, हैकाथॉन बूटकैंप और एक्सपर्ट कोचिंग सेशन का लाभ भी मिलेगा, ताकि सॉल्यूशंस को बेहतर बनाया जा सकेगा और सेक्टर की खास चुनौतियों का समाधान किया जा सकेगा। भारत को-ऑपाथॉन 2025 के लिए आवेदन की तारीख 31 दिसंबर, 2025 तक है।


