उदयपुर। राजस्थान में स्कूली भवनों की खस्ता हालत एक के बाद एक सामने आ रही है। ताजा मामला उदयपुर जिले के वल्लभनगर ब्लॉक के रूपावली गांव से है, जहां एक सरकारी स्कूल की दीवार रविवार की सुबह अचानक ढह गई।
सौभाग्यवश रविवार का दिन होने के कारण स्कूल में छुट्टी थी, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन अगर यही घटना किसी और दिन होती। तो झालावाड़ जैसी दर्दनाक त्रासदी दोहराई जा सकती थी, जिसमें सात मासूम बच्चों की जान चली गई थी।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, वे लंबे समय से स्कूल भवन की जर्जर स्थिति को लेकर प्रशासन और शिक्षा विभाग को आगाह करते आ रहे थे। एक दिन पहले ही शनिवार को ग्रामीणों ने विद्यालय की जर्जर इमारत के विरोध में प्रदर्शन किया था। इसे बच्चों की जान के लिए खतरा बताया था। बावजूद इसके, न विभाग ने सुध ली, न ही प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया। इसी लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि रविवार को स्कूल की एक दीवार भरभरा कर गिर गई।
गनीमत रही कि घटना के समय स्कूल में कोई छात्र या स्टाफ मौजूद नहीं था
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल भवन में कई जगह दरारें पहले से थीं और बारिश के कारण दीवार की स्थिति और कमजोर हो गई थी। गनीमत रही कि घटना के समय स्कूल में कोई छात्र या स्टाफ मौजूद नहीं था। अब स्थानीय लोगों में भारी रोष है और वे मांग कर रहे हैं कि शिक्षा विभाग और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इस घटना ने झालावाड़ जिले में हुई उस भीषण दुर्घटना की यादें ताजा कर दीं, जहां एक स्कूल भवन ढहने से सात छात्रों की जान चली गई थी। उस मामले में राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का बयान भी खासा विवादों में रहा, जिसमें उन्होंने कहा था कि “मैं अपनी जेब से स्कूल की मरम्मत नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी स्वीकार किया था कि मरम्मत के लिए फंड जारी करने की प्रक्रिया लंबी और जटिल है।