लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली को लेकर एक अहम आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायत (complain) दर्ज कराने के लिए शिकायतकर्ता का ग्रामसभा (Gram Sabha) का निवासी होना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि इस फैसले से फर्जी, निराधार और बाहरी हस्तक्षेप वाली शिकायतों पर रोक लगेगी, जिससे पंचायत व्यवस्था अधिक पारदर्शी और सुचारु हो सकेगी।नये नियम के तहत केवल ग्रामसभा का पंजीकृत निवासी ही प्रधान की शिकायत कर सकेगा।
शिकायत के साथ आधार कार्ड या कोई वैध पहचान पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा। साथ ही, शिकायतकर्ता को एक हलफनामा देना होगा, जिसमें वह खुद को ग्रामसभा का निवासी घोषित करेगा। बाहरी व्यक्तियों द्वारा की गई शिकायतें मान्य नहीं मानी जाएंगी। यदि शिकायत झूठी या फर्जी पाई जाती है, तो शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का मानना है कि कई बार बाहरी लोगों द्वारा बिना तथ्य के प्रधानों पर आरोप लगाकर पंचायत कार्यों में बाधा उत्पन्न की जाती है, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। यह आदेश उसी पर रोक लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस आदेश को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों (CDO) और खंड विकास अधिकारियों (BDO) को भेज दिया गया है और तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।