समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने रामपुर से पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है। अब्दुल्ला के खिलाफ ये वारंट साल 2008 के एक मामले में जारी किया गया है।
अब्दुल्ला आजम पर साल 2008 में छजलैट थाना क्षेत्र में सड़क जाम करने और सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में कार्रवाई की गई है। पूरे मामले में आजम खान, अब्दुल्ला आजम सहित नौ सपा नेताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
घटना 31 दिसंबर 2007 के रामपुर आतंकी हमले के बाद पुलिस चेकिंग के दौरान हुई, जब आजम खान के काफिले की गाड़ी रोकने पर सपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा और सड़क जाम किया। इस दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला था।
आजम की अपील हो चुकी खारिज
एमपी-एमएलए कोर्ट ने 13 फरवरी 2023 को दोनों को दोषी ठहराते हुए दो-दो साल की सजा और तीन-तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया था। इसके खिलाफ आजम खान और अब्दुल्ला ने अपील दायर की थी, हालांकि कई बार पेश न होने के कारण एडीजे-3 कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया है। इसके पहले ही आजम खान की अपील खारिज हो चुकी है और उनकी सजा बरकरार है।
सेशन कोर्ट में अपील पर सुनवाई विचाराधीन
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा का ऐलान हुआ था। सजा के खिलाफ एमपी-एमएलए की सेशन कोर्ट में अपील पर सुनवाई विचाराधीन है, इसके बाद भी कोर्ट में सुनवाई के बावजूद अब्दुल्ला आजम हाजिर नहीं हो रहे हैं। शुक्रवार को कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए अब्दुल्ला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।