लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ कहे जाने वाले नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के हजारों कर्मचारी पिछले कई दिनों से वेतन भुगतान में हो रही देरी को लेकर परेशान हैं। कई जिलों से लगातार शिकायतें आ रही थीं कि कर्मचारियों को महीनों तक समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे। सोमवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, जिनके पास स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा है, ने नाराजगी जताई। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “कर्मचारियों को समय पर वेतन न देना गंभीर लापरवाही है। यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
डिप्टी सीएम ने एनएचएम निदेशक को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि वेतन भुगतान में देरी की असली वजह का पता लगाया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने अधिकारियों को 3 अक्टूबर तक जांच रिपोर्ट शासन को सौंपने का आदेश दिया है।
ब्रजेश पाठक ने यह भी आश्वासन दिया कि वेतन भुगतान जल्द से जल्द कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को मानसिक दबाव में डालना उचित नहीं है। सरकार का पहला कर्तव्य है कि उन्हें सम्मानजनक समय पर उनका हक दिलाया जाए।
इस पूरे मामले के बाद कर्मचारियों में उम्मीद जगी है कि अब उनकी समस्या का समाधान होगा। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर भी दबाव बढ़ गया है।