यूथ इंडिया संवाददाता
फतेहगढ़, फर्रुखाबाद। फतेहगढ़ बार एसोसिएशन का गौरवशाली इतिहास फिर से संजीवनी पा रहा है। 1901 में स्थापित इस बार ने दशकों तक न्यायिक प्रणाली में अहम भूमिका निभाई है। बार के अध्यक्ष जवाहर सिंह गंगवार ने इस बात का ऐलान करते हुए कहा कि बार का पुनर्निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और यह फिर से अपने पुराने स्वर्णिम स्वरूप में लौटने को तैयार है।
फतेहगढ़ बार एसोसिएशन की स्थापना 1901 में हुई थी। इसे फतेहगढ़ के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है। प्रारंभ में यह बार ब्रिटिश शासनकाल के दौरान न्यायिक कार्यों के संचालन के लिए स्थापित की गई थी। बार ने स्वतंत्रता संग्राम के समय भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कई स्वतंत्रता सेनानियों ने यहां से कानूनी सहायता प्राप्त की थी।
महत्वपूर्ण आंकड़े और जानकारी
– स्थापना वर्ष: 1901
– प्रमुख सदस्य: जवाहर सिंह गंगवार (वर्तमान अध्यक्ष), राजकुमार सिंह राठौर (पूर्व अध्यक्ष),राहुल मिश्र (प्रमुख वकील)
– सदस्य संख्या: 1000+ वकील
– प्रमुख कार्य: कानूनी सहायता, न्यायिक प्रशिक्षण, स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
प्रमुख घटनाएं और योगदान
स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका: फतेहगढ़ बार ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों को कानूनी सहायता प्रदान की थी। इसके कई सदस्यों ने सक्रिय रूप से स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया।
महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई: इस बार ने कई महत्वपूर्ण कानूनी मामलों की सुनवाई की है, जिनमें से कई मामलों ने देश के न्यायिक इतिहास में मील का पत्थर साबित हुए हैं।
न्यायिक प्रशिक्षण और विकास: फतेहगढ़ बार एसोसिएशन ने अपने सदस्यों को न्यायिक प्रशिक्षण और विकास के कई अवसर प्रदान किए हैं। इससे यहां के वकील न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सके हैं।
पुनर्निर्माण और सुधार
बार के अध्यक्ष जवाहर सिंह गंगवार ने कहा, फतेहगढ़ बार का इतिहास हमारी धरोहर है। इसे संरक्षित करना और नई पीढ़ी को इसके गौरव से अवगत कराना हमारा कर्तव्य है। हमने बार के पुनर्निर्माण के तहत साफ-सफाई और सुविधाओं का विस्तार किया है, जिससे वकीलों और नागरिकों को उच्च स्तरीय न्यायिक सेवाएं मिल सकें।
डिजिटल लाइब्रेरी: बार एसोसिएशन ने अपनी पुस्तकालय को डिजिटल करने की योजना बनाई है, जिससे वकील और सदस्य ऑनलाइन संसाधनों का लाभ उठा सकें।
नए प्रशिक्षण कार्यक्रम: नवोदित वकीलों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे वे न्यायिक प्रक्रियाओं में निपुण हो सकें।
सामाजिक जिम्मेदारियां: बार एसोसिएशन ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए विभिन्न सामाजिक गतिविधियों का आयोजन करने का निर्णय लिया है, जैसे कानूनी जागरूकता अभियान, नि:शुल्क कानूनी सहायता शिविर, आदि। फतेहगढ़ बार एसोसिएशन का पुनर्निर्माण कार्य न केवल इसके इतिहास को संरक्षित करेगा, बल्कि इसे नई ऊंचाइयों तक भी पहुंचाएगा। यह बार आने वाले समय में भी न्यायिक प्रणाली में अपनी अहम भूमिका निभाता रहेगा।
फतेहगढ़ बार का स्वर्णिम इतिहास फिर जीवंत होगा : जवाहर सिंह गंगवार
उफान पर गंगा: दर्जनों गांवों में आफत, लोगों की मुश्किलें बढ़ीं
यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रूखाबाद। उफान पर चल रही गंगा नदी के कारण जिले के दर्जनों गांवों में आफत का माहौल बना हुआ है। गंगा के आस-पास के कई गांवों में पानी भर जाने से लोग मुश्किल में हैं और स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
जलस्तर और बांधों से छोड़ा गया पानी नरौरा बांध 1,34,000 क्यूसेक, बिजनौर बैराज: 52,000 क्यूसेक, हरिद्वार बांध: 74,000 क्यूसेक।
फर्रुखाबाद में पांचाल घाट गंगा का जलस्तर 136.65 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि रामगंगा में आज 4,124 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है और रामगंगा का जलस्तर 134.40 मीटर है।बाढ़ के पानी से तराई, गंगापार और कंपिल की कटरी इलाकों में लोगों में दहशत का माहौल है। गंगा नदी में नरौरा, हरिद्वार और बिजनौर बांधों से छोड़े गए पानी के कारण जलस्तर में और इजाफा होने की संभावना है। गंगा और रामगंगा का चेतावनी बिंदु: 136.60 मीटर पानी है।
स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति पर कड़ी नजर रखी हुई है और संभावित प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य के लिए टीमों को तैनात कर दिया है। ग्रामीणों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
गांवों में पानी भर जाने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं। फसलें बर्बाद हो रही हैं और घरों में पानी घुस जाने से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन से राहत सामग्री और बचाव कार्यों में तेजी लाने की मांग की जा रही है।
राहत कार्यों में जुटी टीमों ने अब तक कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। नावों और बचाव उपकरणों के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाई जा रही है। जिला प्रशासन ने कहा है कि स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सूचना दें।
राधा रानी रिजार्ड्स के ध्वस्तीकरण को लेकर हाई कोर्ट से माफिया अनुपम दुबे व रिश्तेदारों को राहत
यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद/कन्नौज। हाई कोर्ट ने माफिया अनुपम दुबे के चपुन्ना स्थित नेशनल हाईवे पर ग्रामसभा की कीमती जमीन पर बने आलीशान रिजार्डस राधा रानी गेस्ट हाउस के ध्वस्तीकरण को रोकने की याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल राहत देते हुए कहा है कि एसओसी कोर्ट का निर्णय आने तक कोई ऐसी कार्यवाही न की जाए,साथ ही एसओसी को शीघ्र सुनवाई के निर्देश दिए हैं,जिसके चलते कुछ दिनों के लिए गेस्ट हाउस पर बुलडोजर चलने पर विराम लग गया है, माफिया के रिश्तेदार याचिकाकर्ता धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी ने यूपी राज्य और 6 अन्य को प्रतिवादी बनाया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील सोमेश खरे ने पैरवी की, जबकि प्रतिवादी की ओर से स्थायी वकील सी.एस.सी. ने अपनी दलीलें पेश कीं।
याचिकाकर्ता ने यूपी की धारा 9ए(2) के तहत चकबंदी अधिकारी द्वारा 22 जुलाई 2024 को पारित आदेश को चुनौती दी है और उक्त आदेश से उनके भूखंड पर किए गए निर्माण के विध्वंस की आशंका जताई है। राज्य के उत्तरदाताओं को उनके खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई न करने का आदेश देने की मांग की गई है। जिसके चलते माफिया के पार्टनर रिश्तेदार धर्मेंद्र त्रिपाठी और उनकी भाजपा नेता बहु नेहा त्रिपाठी को कुछ दिन की राहत मिली है।त्रिपाठी परिवार अनुपम दुबे के अन्य मामलों में भी उन्हे राहत दिलाने के लिए जोराजमाइश में लगा है, जिससे अनुपम के समर्थकों में उम्मीद की किरण जगी है।
वहीं प्रतिवादी मनोज अग्निहोत्री के स्थायी वकील ने यूपीसीएच अधिनियम की धारा 11(1) के तहत अपील का वैकल्पिक उपाय उपलब्ध होने का हवाला देते हुए रिट याचिका की स्थिरता पर प्रारंभिक आपत्ति उठाई। याचिकाकर्ता के वकील ने इस आपत्ति का खंडन नहीं किया और बताया कि चकबंदी के निपटान अधिकारी (एसओसी) के समक्ष पहले ही एक अपील दायर की जा चुकी है। जिसमे बहुत जल्द निर्णय आना बाकी है।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता की तत्काल राहत की मांग पर विचार करने का निर्णय लिया है। मामले की अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की जाएगी। जिसके चलते करीब 15 दिनों तक राधा रानी गेस्ट हाउस पर बुलडोजर गरजने की प्रक्रिया रुक गई है।उधर पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने शासन में माफिया अनुपम दुबे और उसके करीबी रिश्तेदार धर्मेंद्र त्रिपाठी और उनकी बहू नेहा उर्फ अमिता त्रिपाठी का पूरा चि_ा रखा है।
Ayodhya Gangrape: सीएम ने पीड़िता परिवार के लिए भेजी पांच लाख की आर्थिक सहायता राशि
अयोध्या। भदरसा में हुए सामूहिक दुष्कर्म (Ayodhya Gangrape) के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) तेजी से कार्रवाई करा रहे हैं। शनिवार दोपहर मामले में मुख्य आरोपी मोइद खान के अवैध निर्माण बुलडोजर चला तो शाम होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से पीड़िता को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
स्थानीय विधायक अमित सिंह चौहान ने पीड़िता के घर पहुंच कर परिजनों को पांच लाख रुपये का चेक सौंपा। इस दौरान जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह व एसएसपी राजकरन नैय्यर भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की तरफ पीड़िता की मां को मिला भरोसा, लगातार पूरा किया जा रहा है। चाहे वह आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का हो या परिवार को आर्थिक सहायता की बात हो। स्थानीय विधायक अमित सिंह ने बताया है कि मुख्यमंत्री ने कहा था अगर किसी भी चीज की जरूरत होगी तो तुरंत पूरा किया जाएगा।
Ayodhya Gangrape: आरोपी सपा नेता मोईद खान की बेकरी पर चला बाबा का बुलडोजर
विधायक ने जब पीड़ित बच्ची के माता से पूछा कि आप कार्रवाई से संतुष्ट हैं तो उन्होंने कहा हां सरकार बिल्कुल ठीक कार्रवाई कर रही है। वहीं विधायक ने बताया कि प्रदेश की योगी सरकार पीड़ित परिवार के साथ हमेशा खड़ी रहेगी।
सावन में भूलकर भी ना करें ये काम, कुपित हो जाएंगे भोलेनाथ
सावन (Sawan) का महीना शिवभक्ति के लिए जाना जाता हैं। इस महीने में सभी शिव की कृपा पाने के लिए आस्था दिखाते हुए पूजन करते हैं। सभी इन दिनों में मंदिर जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक, पूजा-पाठ और आराधना करते हैं ताकि विशेष फल की प्राप्ति हो सकें। लेकिन इस दौरान कुछ नियमों का ध्यान रखना जरूरी हैं। जी हां, शास्त्रों में सावन (Sawan) के महीने को लेकर कुछ नियमों के बारे में बताया गया है जिनका ध्यान रखा जाए तो आपके लिए फलदायी साबित होता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सावन के दौरान आपको कौनसे काम करने चाहिए और कौनसे नहीं। आइये जानें…
सावन (Sawan) में करें ये काम
– सावन (Sawan) के महीने में हर सोमवार को व्रत रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभदायक है और धार्मिक दृष्टि से भी इसका काफी महत्व है। पूरे महीने के हर सोमवार को व्रत रखें।
– सावन के पूरे महीने में रोजाना शिवजी के मंदिर जाकर पूजा करनी चाहिए।
– व्रत रखने वाले लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का रोजाना कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
– भगवान शिव की पूजा करते वक्त या फिर जलाभिषेक करते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
– भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करने के साथ ही दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का पंचामृत बनाकर अभिषेक करें।
– हिंदू धर्म में रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। अगर आप भी इसे पहनने के बारे में सोच रहे हैं तो इसके लिए सावन का महीना सबसे अच्छा होता है।
– प्रत्येक सोमवार को सावन सोमवार व्रत कथा सुनें। इस कथा को भगवान शिव के पूरे वृतांत माना गया है।
सावन (Sawan) में ना करें ये काम
– सावन (Sawan) के महीने में जहां तक संभव हो दूध का सेवन न करें। साथ ही शिव की कृपा पाने के लिए पूरे महीने सात्विक भोजन करें।
– इस माह में मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन बंद कर देना चाहिए। सावन के महीने में इन सबके सेवन को पाप माना जाता है।
– हमेशा ध्यान रखें कि जब भी भगवान शिव की पूजा करें तो शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं। हल्दी जलाधारी पर चढ़ानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी स्त्री से संबंधित वस्तु है। शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है और ये शिवजी का प्रतीक है। इस कारण शिवलिंग पर नहीं, बल्कि जलाधारी पर हल्दी चढ़ानी चाहिए। जलाधारी स्त्री तत्व से संबंधित है और ये माता पार्वती की प्रतीक है।
– धर्म शास्त्र में बताया गया है कि सावन में हरी सब्जी नहीं खाना चाहिए। इससे विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। स्वास्थ दृष्टि से देखा जाए तोसाग में पित्त बढ़ाने वाले तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। यही कारण है कि सावन में साग खाना वर्जित माना गया है।
– कहा जाता है कि सावन के महीने में सुबह के समय शिव का ध्यान करने से शिव जी प्रसन्न हो जाते है। साथ ही इस माह में जरूरत के हिसाब से ही सोएं।
– सावन (Sawan) के महीने में ध्यान रखें कि किसी बड़े- बुजुर्ग व्यक्ति, गुरु, भाई-बहन, जीवन साथी, माता-पिता का अपमान न करें। महादेव ऐसे लोगों से बिल्कुल भी खुश नहीं होते है जो बड़े लोगों का अपमान करते हैं।
– सावन के महीने में घर या बाहर किसी से लड़ाई-झगड़ा करने से बचें और किसी का भूल से भी अपमान करें।
– व्रत रखकर दिन के समय सोना नहीं चाहिए क्योंकि यह भगवान शिव का अपमान माना जाता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप दिन के समय ना सोएं और सुबह-शाम भगवान की अराधना करें।
– व्रत रखकर महिलाओं को बाल व नाखून नहीं काटने चाहिए। साथ ही पुरुष भी दाढ़ी ना बनाएं। यह अशुभ माना जाता है और इससे घर में दरिद्रता आती है।
– व्रत रखने वालों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। साथ ही चमड़े से बनी चीजें जैसे चप्पल, बेल्ट व बैग आदि का भी यूज ना करें।
– भगवान शिव को पर्यावरण बेहद प्रिय था इसलिए इस दौरान पेड़ों को काटने चाहिए। वैसे सिर्फ सावन ही नहीं बल्कि कभी भी पेड़ों को नहीं काटना चाहिए।
कमालगंज थानाध्यक्ष की विदाई: व्यापारी और नगर के गणमान्य लोगों ने दी भावपूर्ण विदाई
यूथ इंडिया संवाददाता
कमालगंज, फर्रुखाबाद। कमालगंज थाना क्षेत्र के लोकप्रिय थानाध्यक्ष, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान कीं, को आज नगर के व्यापारियों और गणमान्य लोगों ने एक भावपूर्ण विदाई दी।
थानाध्यक्ष का कार्यकाल नगरवासियों के लिए यादगार रहा, जिसमें उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने और स्थानीय समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में क्षेत्र में शांति और सुरक्षा में सुधार हुआ, जिससे स्थानीय व्यापार और जनजीवन को काफी लाभ हुआ।
विदाई समारोह में व्यापारी वर्ग, समाजसेवी, और अन्य प्रमुख लोग शामिल हुए। सभी ने थानाध्यक्ष के समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं। थानाध्यक्ष अब एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) में नई जिम्मेदारी संभालेंगे, जहाँ उनकी योग्यता और अनुभव का लाभ पुलिस विभाग को मिलेगा। उनके नई भूमिका में भी सफलता की कामना की जाती है।